पश्चिम बंगाल के बीरभूम के रामपुरहाट में हुई हिंसा पर जमकर राजनीतिक बयानबाजी हो रही है. विपक्षी पार्टियां जहां राज्य की ममता सरकार पर निशाना साध रही हैं तो सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) अपना बचाव करने में जुटी है. इस बीच, AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी इस घटना पर बयान दिया है. 


उन्होंने कहा कि जो वहां (बीरभूम में) हुआ वह बताता है कि राजनीतिक पार्टियां उस राज्य के मुसलमानों के नाम पर वोट लेती हैं लेकिन उनको न शिक्षा और न कलम देती हैं, बल्कि उनके हाथों में बम थमा देती हैं. जो भी बीरभूम में हुआ उसकी हम कड़ी निंदा करते हैं. ओवैसी ने कहा कि राज्य सरकार हिंसा को रोकने में नाकाम रही है.


इससे पहले कांग्रेस के सांसद अधीर रंजन चौधरी ने भी ममता सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि यह मध्ययुगीन बर्बरता का जीता जागता उदाहरण है. यहां 'मानव राज' नहीं 'दानव राज' है. मुख्यमंत्री ने राज्य को बर्बाद कर दिया है. पुलिस और टीएमसी की मिलीभगत से राज्य को लूटा जा रहा है. कोई अन्य राज्य बंगाल जैसी स्थिति का सामना नहीं कर रहा है. 


बता दें कि रामपुरहाट के बोगतुई गांव में मंगलवार को तड़के करीब एक दर्जन मकानों में आग लगने से दो बच्चों समेत कुल आठ लोगों की मौत हो गई थी. यह घटना सोमवार को तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के पंचायत स्तर के एक नेता की कथित हत्या के कुछ घंटों के भीतर हुई थी.


मृतकों के परिजनों से मिलीं ममता बनर्जी


पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी गुरुवार दोपहर हिंसा में जान गंवाने वाले लोगों के परिवार वालों से मिलीं. उन्होंने मारे गए लोगों के परिजनों को 5 लाख रुपये का चेक सौंपा. उन्होंने कहा कि प्रभावित घरों के पुनर्निर्माण के लिए 2 लाख रुपये की वित्तीय सहायता दी जाएगी. आग में मरने वाले 10 लोगों के परिवारों को नौकरी और 5 लाख रुपये दिए जाएंगे.


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