Tirupati Temple Dispute: तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) बोर्ड के नए अध्यक्ष बीआर नायडू ने गुरुवार (31 अक्टूबर) को कहा था कि तिरुमला में काम करने वाले सभी कर्मचारी हिंदू समुदाय के होने चाहिए. जिस पर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने शनिवार को (02 नवंबर) को पलटवार करते हुए कहा कि जब टीटीडी के ट्रस्टी मुस्लिम नहीं हो सकते तो वक्फ बोर्ड में दो गैर-मुस्लिम सदस्य कैसे होंगे?
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि टीटीडी बोर्ड (तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम) के 24 सदस्यों में से एक भी सदस्य गैर-हिंदू नहीं है. टीटीडी के नए अध्यक्ष का कहना है कि वहां काम करने वाले लोग हिंदू होने चाहिए. हम इसके खिलाफ नहीं हैं, हमें बस इस बात पर आपत्ति है कि नरेंद्र मोदी की सरकार वक्फ के प्रस्तावित बिल में कह रही है कि केंद्रीय वक्फ परिषद में 2 गैर-मुस्लिम सदस्यों का होना अनिवार्य है.
दोनों बोर्ड में होनी चाहिए समानता
हैदराबाद से लोकसभा सांसद बोले कि आप वक्फ बिल में यह प्रावधान क्यों ला रहे हैं? टीटीडी हिंदू धर्म का बोर्ड है और वक्फ बोर्ड मुस्लिम धर्म के लिए है. तो दोनों में समानता होनी चाहिए. जब टीटीडी के ट्रस्टी मुस्लिम नहीं हो सकते, तो वक्फ बोर्ड में 2 गैर-मुस्लिम सदस्य कैसे होगा?."
क्या कहा था टीटीडी बोर्ड के नए अध्यक्ष ने?
दरअसल, तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) बोर्ड के नए अध्यक्ष बनने के बाद गुरुवार ( 31 अक्टूबर) को बीआर नायडू ने कहा था कि तिरुमाला में काम करने वाला हर व्यक्ति हिंदू होना चाहिए. यह मेरा पहला प्रयास होगा. इसमें कई मुद्दे हैं. हमें इस पर गौर करना चाहिए. हम अन्य धर्मों से जुड़े कर्मचारियों के भविष्य को लेकर आंध्र प्रदेश सरकार के साथ चर्चा करेंगे. उन्होंने यह भी कहा था कि वह उन्हें वीआरएस (स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना) देने या उन्हें अन्य विभागों में ट्रांसफर करने पर विचार करेंगे.
ये भी पढ़ें: 'पत्थर के पीछे भी छिपोगे तो आवाज आएगी कत्ल करो', पाकिस्तान में किसने उगला हिंदुओं-यहूदियों के खिलाफ जहर