AIMIM Chief Asaduddin Owaisi: जनसंख्या को लेकर मोहन भागवत के बयान पर भड़के ओवैसी, पूछा- रोजगार पर बात क्यों नहीं करते?
RSS Vs AIMIM: एआईएमआईएम के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने आरएसएस (RSS) चीफ मोहन भागवत के बयान का करारा जवाब दिया है. उन्होंने कहा कि वो जनसंख्या पर बढ़कर बोलते हैं, लेकिन बेरोजगारी पर नहीं.
AIMIM Chief Asaduddin Owaisi on Mohan Bhagwat: कुछ दिन पहले ही यूएन (UN) रिपोर्ट में आबादी के मामले में भारत के चीन को पीछे छोड़ने की बात कही गई. इसके बाद से ही देश के नेताओं में इसे लेकर बहस गर्म हो गई है. कल ही एक दीक्षांत समारोह में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ-आरआरएस (RSS) के चीफ मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने कहा कि सिर्फ खाना खाना और आबादी बढ़ाना, ये काम तो जानवर भी करते हैं. इस पर हैदराबाद के सांसद और एआईएमआईएम (AIMIM) चीफ असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) बिफर उठे हैं. उन्होंने आरएसएस चीफ भागवत को संविधान पढ़ने की नसीहत तक दे डाली. ओवैसी ने कहा भागवत जनसंख्या की बात तो जोरशोर से उठाते हैं, लेकिन रोजगार पर बात क्यों नहीं करते.
ओवैसी का जवाब भागवत को
एआईएमआईएम (AIMIM) चीफ असदुद्दीन (Asaduddin Owaisi) ने आरएसएस प्रमुख के जनसंख्या पर दिए बयान को बेहद संजीदगी से लिया. उन्होंने कहा कि देश में आठ फीसदी बेरोजगारी है. भागवत जनसंख्या पर तो बोलते हैं, लेकिन बेरोजगारी पर बात क्यों नहीं करते. वे रोजगार पर क्यों नहीं बोलते? ओवैसी ने कहा कि हमारा देश युवाओं का है. सरकार को युवाओं के रोजगार के लिए काम करना चाहिए, न कि देश में जनसंख्या पर बात कर एक समुदाय के खिलाफ नफरत फैलाने का...
इस दौरान ओवैसी धर्म परिवर्तन के मुद्दे पर भी बोले. उन्होंने कहा कि आरएसएस देश में एक संस्कृति होने की बात करता है, लेकिन वो ये नहीं जानते कि हिंदुत्व और भारतीयता एक नहीं है. भारत कई धर्मों का देश है. अगर कोई धर्म बदलना चाहता है, तो वो धर्म बदले, लेकिन इससे भागवत क्यों डरते हैं. उन्होंने कहा कि आरएसएस चाहता है कि देश में एक महजब और एक भाषा हो, लेकिन वो यह नहीं जानता कि भाषा नहीं भाव अहम होता है.
ओवैसी ने कहा कि संघ अपनी विचारधारा देश पर थोपना चाहता है, लेकिन ऐसा होना संभव नहीं हैं. क्या दक्षिण भारत की संस्कृति को उत्तर भारत पर थोपा जा सकता है? चुनाव का अधिकार तो भारत के संविधान में है. ओवैसी ने मोहन भागवत को नसीहत दी कि संविधान में साफ लिखा है कि जो सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक रूप से कमजोर है उसे मजबूत बनाया जाए, उसे ऊपर उठाने की कोशिश की जाए. ये भारत के संविधान में लिखी सच्चाई है, जिसे उन्हें स्वीकार करना होगा.
क्या है मामला
कर्नाटक के चिकबल्लापुरा जिले के मुद्देनहल्ली में श्री सत्य साईं यूनिवर्सिटी फॉर ह्यूमन एक्सीलेंस के दीक्षांत समारोह में आरएसएस चीफ भागवत (Mohan Bhagwat) ने जनसंख्या को लेकर अपने विचार बताए थे. उन्होंने कहा, ' मानव के पास अगर बुद्धि नहीं होती,तो वो धरती पर सबसे कमजोर जीव होता, लेकिन कभी संज्ञानात्मक आवेग मनुष्य के जीवन में आया जिसने उसे सर्वश्रेष्ठ बनाया, मगर केवल खाना-पीना और प्रजा बढ़ाना, ये काम तो पशु भी करते हैं. जो ताकतवर है. वो जीवन जी लेगा, यह जंगल का कानून है, लेकिन मनुष्यों की व्याख्या है कि सबसे योग्य व्यक्ति दूसरों को जीने में मदद करेगा.'
मनुष्य के पास अगर बुद्धि नहीं होती तो वो पृथ्वी पर सबसे कमजोर प्राणी होता। लेकिन कभी संज्ञानात्मक आवेग मनुष्य के जीवन में आया जिसने उसे सर्वश्रेष्ट बनाया मगर केवल खाना-पीना और प्रजा बढ़ाना, ये काम तो पशु भी करते हैं: RSS प्रमुख मोहन भागवत, कर्नाटक (13.07) pic.twitter.com/JbKARelWfZ
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 13, 2022
उनके इसी बयान पर एआईएमआईएम (AIMIM) चीफ असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने पलटवार किया है.
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