Moradabad Mob Lynching: उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद के रहने वाले कारोबारी के साथ मॉब लिंचिंग की घटना को लेकर एआईएमआईएम (AIMIM) नेता ने आरएसएस चीफ मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) पर निशाना साधा है. दिल्ली से मुरादाबाद आते समय ट्रेन में कुछ लोगों ने व्यापारी के साथ मारपीट की थी. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था.  


ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के नेता शौकत अली ने शनिवार (14 जनवरी) को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत पर इस वीडियो को लेकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि, "क्या ये मोहन भागवत के बयान का रिएक्शन है? चलती ट्रेन में मुरादाबाद के पीतल व्यापारी आसिम हुसैन के साथ मॉब लिंचिंग हुई. जबरन धार्मिक नारे लगवाए, कपड़े उतारकर बेल्ट से पिटाई की गई."


पीड़ित शख्स ने क्या बताया?


एआईएमआईएम के उत्तर प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष ने घटना का शिकार होने का दावा करने वाले व्यक्ति का एक वीडियो भी शेयर किया, जिसमें पीड़ित ने बताया गया है कि कैसे भीड़ ने उस पर हमला किया. वह मुरादाबाद की ओर जा रहा था और दिल्ली से ट्रेन में सवार हुआ था. शख्स ने बताया कि, "जब ट्रेन हापुड़ स्टेशन पर रुकी तो कुछ लोगों ने धक्का-मुक्की शुरू कर दी. उसी समय कोई चिल्लाया 'यह चोर है' और मेरे आसपास के लोगों ने पिटाई शुरू कर दी. उन्होंने मुझे 'जय श्री राम' बोलने के लिए भी मजबूर किया, लेकिन मैंने मना कर दिया." 


असदुद्दीन ओवैसी ने भी की सख़्त कार्रवाई की मांग


इस घटना पर एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने भी ट्वीट किया था. उन्होंने कहा था कि, "आसिम हुसैन को ट्रेन में पीटा गया, उनके कपड़े उतरवाए गए और उन्हें 'जय श्री राम' के नारे लगाने पर मजबूर किया गया. आरएसएस के मोहन ने “हज़ार साल की जंग” का ज़िक्र किया था, क्या ये उसी जंग एक और सबूत है? इस पर सख़्त कार्रवाई होनी चाहिए." 


एआईएमआईएम नेता शौकत अली आरएसएस चीफ मोहन भागवत की हाल की टिप्पणी का जिक्र कर रहे थे, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत में मुसलमानों को खुद को सर्वश्रेष्ठ बताने वाली गलत बयानबाजी से परहेज करना होगा. 


क्या कहा था मोहन भागवत ने?


मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने कहा था कि, "सरल सत्य यह है कि हिंदुस्तान को हिंदुस्तान ही रहना चाहिए. आज भारत में रहने वाले मुसलमानों को कोई नुकसान नहीं है. अगर वे अपनी आस्था पर कायम रहना चाहते हैं, तो वे कर सकते हैं. यदि वे अपने पूर्वजों की आस्था पर लौटना चाहते हैं तो कर सकते हैं. यह पूरी तरह से उनकी पसंद है. हिंदुओं में ऐसी कोई हठधर्मिता नहीं है. भारत में मुसलमानों के लिए डरने की कोई वजह नहीं है, लेकिन उन्हें 'खुद को सर्वश्रेष्ठ बताने वाली गलत बयानबाजी' से परहेज करना होगा." 


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