Maulana Khalid Rasheed Firangi Mahali: अखिल भारतीय मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के मुस्लिम आरक्षण आरक्षण को लेकर बयान पर पलटवार किया है. 


लोकसभा चुनाव 2024 से पहले और केंद्र में मोदी सरकार के 9 साल पूरे होने पर बीजेपी के कार्यक्रमों के तहत शनिवार (10 जून) को शाह ने महाराष्ट्र के नांदेड़ में एक जनसभा को संबोधित करते हुए मुस्लिम आरक्षण पर सवाल उठाया था. शाह ने कहा कि मुस्लिम आरक्षण नहीं होना चाहिए, धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं हो सकता.


मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली का पलटवार


मुस्लिम आरक्षण के मुद्दे पर मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने रविवार (11 जून) को कहा कि देश में मुस्लिमों को आरक्षण सच्चर कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर दिया गया है. उन्होंने कहा कि बीजेपी की ओर से कहा जा रहा है कि मुस्लिम आरक्षण को समाप्त कर देना चाहिए, यह यह संविधान विरोधी बयान है.


इसी के साथ मौलाना ने कहा कि लव-जिहाद के मामलों को ऐसे पेश किया जा रहा है कि देश के सभी मुस्लिम इन मामलों में लिप्त पाए जाते हैं. उन्होंने कहा कि ऐसी बातें करके देश में मुस्लिमों को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है.


मुस्लिम आरक्षण को लेकर क्या बोले गृह मंत्री अमित शाह?


बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार (10 जून) को महाराष्ट्र के नांदेड़ में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था का कि जब वह बीजेपी के अध्यक्ष थे, वह और देवेंद्र फडणवीस उद्धव ठाकरे से बातचीत करने गए थे, तब ठाकरे ने स्वीकार किया था कि एनडीए को बहुमत मिलता है तो देवेंद्र फडणवीस महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री होंगे. जब एनडीए की जीत हुई तो उन्होंने वादा तोड़ा और सत्ता के लिए कांग्रेस-एनसीपी की गोदी में बैठ गए. 


इसी दौरान शाह ने अपने भाषण के जरिये उद्धव ठाकरे से कई सवाल दागे. उन्होंने चुनौती दी कि हिम्मत है तो ठाकरे अपनी नीति स्पष्ट करें. शाह ने ट्रिपल तलाक, राम मंदिर, समान नागरिक संहिता और मुस्लिम आरक्षण जैसे मुद्दे पर उद्धव ठाकरे से सवाल पूछे. इस दौरान उन्होंने जनसभा में मौजूद नांदेड़ की जनता से भी इन्हीं सवालों पर उत्तर मांगे. 






'मुस्लिम आरक्षण नहीं होना चाहिए, ये हमारी मान्यता है'


जनसभा में मुस्लिम आरक्षण के मुद्दे पर शाह ने कहा, ''मैं उद्धव जी को पूछना चाहता हूं कि भारतीय जनता पार्टी (चाहती है) मुस्लिम आरक्षण नहीं होना चाहिए, ये हमारी मान्यता है, मुस्लिम आरक्षण संविधान सम्मत नहीं है, धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं हो सकता है. उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र की जनता को बताएं कि मुस्लिम आरक्षण होना चाहिए या नहीं होना चाहिए? मैं नांदेड़ वालों को पूछना चाहता हूं मुस्लिम आरक्षण जाना चाहिए या नहीं जाना चाहिए?'' 


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