'UCC सभी अल्पसंख्यक समुदायों के लिए थ्रेट', ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की जॉइंट पीसी में किसने क्या कहा?
UCC Issue: ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने बुधवार (26 जुलाई) को दिल्ली में कई धार्मिक संगठनों के नेताओं के साथ एक साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में समान नागरिक संहिता को लेकर सरकार की आलोचना की है.
Uniform Civil Code: समान नागरिक संहिता (UCC) के मुद्दे पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड बुधवार (26 जुलाई) को दिल्ली में साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की, जिसमें कई धार्मिक संगठनों के नेताओं ने हिस्सा लिया. इसमें यूसीसी के मुद्दे और सरकार के कदम की निंदा की गई. इसी के साथ यूसीसी को अल्पसंख्यक समुदायों के लिए एक खतरा बताया गया.
प्रेस कॉन्फ्रेंस में सिख पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रोफेसर जगमोहन सिंह ने कहा, ''आज वाईएमसीए के हॉल में एक ऐतिहासिक बैठक हुई, जिसमें ट्राइबल संगठन, बामसेफ, ईसाई संगठन, सिख तालमेल समूह, शिरोमणि अकाली दल सहित कई अन्य संगठनों ने हिस्सा लिया और सरकार से अपील की कि वो यूसीसी के तहत धार्मिक मामलों में जो हस्तक्षेप कर रही है वो बहुत घिनौना है और हम इसके खिलाफ हैं.''
सिख पर्सनल लॉ बोर्ड के जगमोहन सिंह UCC पर क्या कुछ बोले?
पीसी में कहा गया, ''यूसीसी अल्पसंख्यक समुदायों के लिए एक थ्रेट (खतरा) है. यह देश के संघीय ढांचे के खिलाफ है और 'आइडिया ऑफ इंडिया' के भी खिलाफ है.'' इसमें कहा गया कि एससी, एसटी और अल्पसंख्यकों के आरक्षण को सरकार बहाने से छीनना चाहती है. यह मौलिक धार्मिक अधिकार के भी खिलाफ है.
इसी के साथ जगमोहन सिंह ने कहा, ''हम मणिपुर में हो रहे मेइती और कुकी समुदाय के बीच ध्रुवीकरण का भी विरोध करते हैं और सरकार को वहां जल्द से जल्द शांति कायम करना चाहिए.'' इसमें कहा गया, ''हम पूरे देश में ऐसी बैठकें करेंगे और लोगों को जाग्रत करेंगे.'' यह भी कहा गया कि सिखों के मैरिज लॉ को इंप्लीमेंट नहीं किया जा रहा है.
अहमदिया समुदाय के मुद्दे पर नहीं दिया जवाब
अहमदिया समुदाय को लेकर किए गए एबीपी न्यूज के सवाल पर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्यों ने चुप्पी साध ली. सिख पर्सनल लॉ बोर्ड के जगमोहन सिंह ने कहा कि यह मुस्लिम समुदाय का आंतरिक मसला है, जिसे सुलझाने की कोशिश हो रही है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को भी अल्पसंख्यकों के हितों का ध्यान रखना चाहिए.
UCC पर सुप्रीम कोर्ट के रवैये की आलोचना की
सिख पर्सनल लॉ बोर्ड के नेता ने कहा, ''हम सुप्रीम कोर्ट के रवैये से बहुत चिंतित हैं (क्योंकि वो यूसीसी पर कोई पीआईएल नहीं ले रहा) लेकिन हमारे रास्ते बंद नहीं हुए हैं. जरूरत पड़ी तो हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे. भारतीय जनमानस UCC के लिए तैयार नहीं है. सरकार अल्पसंख्यकों को डराकर उसका राजनीतिक लाभ उठाना चाहती है. हम इसकी निंदा करते हैं.''
'यह बिल सरकार न लाए तो ही बेहतर'
प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा गया, ''यह बिल सरकार न लाए तो ही बेहतर है क्योंकि यह देश की एकता और अखंडता को बिगाड़ने वाला है और प्रभावित तबके मिलकर बहुमत में आते हैं.'' उन्होंने कहा, ''सरकार ने यूसीसी पर मैंडेट भी नहीं लिया था. सरकार पर से हमारा भरोसा उठ जाएगा. एक ही धर्म की विचारधारा को देश में सरकार लागू करना चाहती है.''
इसमें कहा गया, ''यूसीसी के मामले में सरकार ने देश को कपिल शर्मा का शो बना रखा है. क्या एक ही समय में सब बोल सकते हैं? यूनिफॉर्मिटी का क्या मतलब है. सरकार ने इसे चुनाव का टूल बना लिया है.''
यह भी पढ़ें- 'अहमदिया मुसलमान नहीं' वक्फ बोर्ड के फैसले पर स्मृति ईरानी की फटकार, '...आपको धर्म से बाहर करने का अधिकार नहीं'