Air Accidents Increasing In India: दिल्ली से बेंगलुरु जाने वाली इंडिगो फ्लाइट (IndiGo Delhi-Bengaluru fight) में आज (29 अक्टूबर) बड़ा हादसा हुआ है. इंडिगो फ्लाइट (6E-2131) के इंजन में आग लगने से विमान में बैठे यात्रियों में हड़कंप मच गया. हालांकि, आग लगने के बाद विमान को दिल्ली एयरपोर्ट पर ही रोक लिया गया. इस हादसे के बाद से विमान में सवार लोग डरे हुए हैं. बीते दिन भी एयर इंडिया की फ्लाइट में आई तकनीकी खराबी की वजह रूट को डायवर्ट करना पड़ा था. ऐसे में अब सवाल यह खड़ा हो रहा है कि लगातार हवाई यात्रा के दौरान ऐसी गड़बड़ी सामने आना कितना खतरनाक हो सकता है.
कुछ समय से विमान यात्रा के दौरान कई बार गड़बड़ी होने की खबरें सामने आई हैं. स्पाइसजेट, विस्तारा, इंडिगो और गो एयर वह फ्लाइट हैं, जिनमें अक्सर लोग यात्रा करते हैं. इन्हीं फ्लाइट्स से लगातार ऐसे मामले सामने आ रहे हैं. इन गड़बड़ियों की वजह से या तो फ्लाइट की इमरजेंसी लैंडिंग कराई जाती है या उड़ान भरने से रोक दिया जाता है. बहुत जरूरी है कि समय रहते ऐसे मामलों को लेकर कड़ी जांच पड़ताल कराई जाए. आज इंडिगो की खिड़की से इंजन में लगी आग को यात्रियों ने देखा तो सभी में घबराहट फैल गई.
तीन दिन लगातार गड़बड़ी के मामले
29 अक्टूबर यानी आज इंडिगो फ्लाइट के इंजन में आग, 28 अक्टूबर को एयर इंडिया की फ्लाइट में तकनीकी खराबी. वहीं, 27 अक्टूबर को अकासा एयर की फ्लाइट से पक्षी टकराने की घटना सामने आई. एकाएक ऐसी घटनाएं सामने आने लगी हैं. हालांकि, इन घटनाओं से निपटारा कर लिया गया था लेकिन, बार-बार गड़बड़ी होने के कारण लोगों के मन में फ्लाइस्ट्स को लेकर डर बैठा जा रहा है.
खतरा बन रही स्पाइसजेट
स्पाइसजेट की फ्लाइस्ट्स में सबसे ज्यादा खराबी की घटनाएं सामने आ रही हैं. कंपनी के आठ विमानों में खराबी रिपोर्ट की गई है. हालांकि, इसे लेकर डीजीसीए ने कड़ा रुख अपनाया है. डीजीसीए का निर्देश है कि किसी भी एयरलाइंस के विमान को बेस या एयरपोर्ट से तभी उड़ान भरने की इजाजत दी जाएगी, जब लाइसेंस प्राप्त स्टाफ ने उसकी सुरक्षा को लेकर मंजूरी दे दी हो.
खतरे की बड़ी घंटी
फ्लाइट्स से गड़बड़ी का मतलब है भारी संख्या में लोगों की जान का नुकसान पहुंचना. एक बार भी किसी खतरे की घंटी को नजरअंदाज किया जाता है तो सैंकड़ों लोगों की जान पर बन आएगी. विमानों में ऑक्सीजन की कमी, इंजन में आग लग जाना, बर्ड हिट ये सभी ऐसी स्थिति हैं, जिसमें बड़ा नुकसान हो सकता है. स्पाइसजेट की फ्लाइट में एक गंभीर खराबी भी सामने आ चुकी है, जब विमान के दरवाजे से ऑक्सीजन की लीकेज थी. पायलट ने चंद सेंकेंड में समझदारी दिखाते हुए विमान को रनवे पर रफ्तार भरने से पहले ही लौटा लिया था. अगर पायलट इसपर ध्यान नहीं देता तो एक बड़ा हादसा होने में समय नहीं लगता.
जून-जुलाई में हुई घटनाएं
दिनांक | फ्लाइट | गड़बड़ी का कारण |
17 जुलाई 2022 | एअर इंडिया एक्सप्रेस | फ्लाइट्स में तकनीकी खराबी |
17 जुलाई 2022 | इंडिगो | फ्लाइट्स में तकनीकी खराबी |
14 जुलाई 2022 | इंडिगो | खराब मौसम |
05 जुलाई 2022 | स्पाइसजेट | विमान में तकनीकी खराबी |
05 जुलाई 2022 | स्पाइसजेट | विंडशील्ड आउटर पेन में दरार |
02 जुलाई 2022 | स्पाइसजेट | फ्लाइट में धुआं निकलने के कारण |
20 जून 2022 | इंडिगो | बर्ड हिट |
19 जून 2022 | स्पाइसजेट | नहीं बना केबिन दबाव का संतुलन |
19 जून 2022 | स्पाइसजेट | इंडिगो |
07 जून 2022 | एयर अरेबिया | रास्ते में एक इंजन बंद |
हवाई दुर्घटनाएं हैं कम
हालांकि, आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार 2021 में चार हवाई दुर्घटनाएं हुईं हैं, जबकि 2020 में दो और पिछले दो सालों में एक-एक दुर्घटना हुईं. इससे पता चलता है कि देश का नागरिक उड्डयन क्षेत्र सुरक्षित है. लेकिन, विमानों में लगातार हो रही गड़बड़ी को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है.
गंभीर घटनाएं में बढ़ोतरी
डीजीसीए के आंकड़ों से पता चला है कि 2019 में 25 गंभीर घटनाएं दर्ज की गईं, जो पिछले नौ सालों में सबसे ज्यादा थी. 25 घटनाओं में से 17 इंजन से संबंधित मुद्दों के कारण थीं. 2018 में 17 गंभीर घटनाएं दर्ज की गईं, इसके बाद 2016 और 2017 में 11 गंभीर घटनाएं दर्ज की गईं. इस साल 25 जुलाई तक चार गंभीर घटनाएं हुई हैं और यह आंकड़ा बढ़ता हुआ नजर आ रहा है.
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