नई दिल्लीः बालाकोट एयर-स्ट्राइक की पहली वर्षगांठ पर भारतीय वायुसेना प्रमुख आर के एस भदौरिया श्रीनगर में होंगे और पाकिस्तानी सीमा से सटी एयर-स्पेस में फाइटर जेट में उड़ान भरेंगे. वायुसेना प्रमुख की इस उड़ान के मायने ये हैं कि अगर भविष्य में दुश्मन ने भारत की तरफ आंखे उठाने की कोशिश की तो उसका हश्र ठीक वैसा ही होगा जैसा कि बालाकोट आंतकी कैंप में ट्रेनिंग ले रहे आतंकियों का हुआ था.
आपको बता दें कि 26 फरवरी को बालाकोट एयर-स्ट्राइक की पहली वर्षगांठ हैं. इसी दिन ठीक एक साल पहले भारतीय वायुसेना ने 12 दिन पहले जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिल पर हुए आतंकी हमले का बदला लिया था. 1971 के युद्ध के बाद ये पहला मौका था कि भारतीय वायुसेना ने फ्रंटलाइन फोर्स की तरह एलओसी पार कर दुश्मन की धरती में घुसकर हवाई हमला किया था. करगिल युद्ध के दौरान भी भारतीय वायुसेना के फाइटर जेट्स ने एलओसी पार नहीं की थी और अपनी सीमा से ही करगिल की चोटियों पर पाकिस्तानी सेना की चौकियों पर बमबारी की थी.
14 फरवरी 2019 को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले में 40 जवानों की मौत हो गई थी. ये आतंकी हमला पाकिस्तान की सरपरस्ती में पल-बढ़ रहे आतंकी संगठन, जैश ए मोहम्मद ने कश्मीर के स्थानीय आतंकियों के साथ मिलकर अंजाम दिया था. ऐसे में देश इस हमले का बदला लेना चाहता था. देश के लिए प्राण की आहूति देने वाले जवानों की शहादत का बदला चाहता था. ऐसे में हमले के तुरंत बाद ही पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद से बदला लेने की आवाज उठने लगी थी.
जिस तरह वर्ष 2016 में उरी हमले के बाद भारतीय सेना की स्पेशल फोर्स के पैरा-एसएफ कमांडोज़ ने एलओसी पारकर पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर यानि पीओके से संचालित आतंकी और उनके लांच-पैड्स को तबाह किया था, ऐसे में पुलवामा हमले के तुरंत बाद ही पाकिस्तान ने अपनी पूरी सेना को हाई-अलर्ट पर कर दिया था. यहां तक की रिर्जव सेना को भी एलओसी पर तैनात कर दिया था ताकि भारतीय सेना किसी भी तरह एलओसी पार ना कर पाए और ना ही कोई सर्जिकल स्ट्राइक कर पाए. ऐसे में भारत के सामने पाकिस्तान से बदला कैसे लिया जाए और पाकिस्तान से संचालित आतंकी और आंतकी सरगनाओं के साथ साथ पाकिस्तानी सेना और वहां के हुकूमत को कैसे सबक सिखाया जाए, ये एक बड़ी चुनौती थी. इसीलिए बदला लेने की जिम्मेदारी भारतीय वायुसेना को सौंपी गई थी.
26 फरवरी 2019 की सुबह करीब 3.00 बजे, भारतीय वायुसेना के 12 मिराज 2000 लड़ाकू विमानों ने ग्वालियर एयरबेस से उड़ान भरी. ये छह-छह के दो पैकेज में थे. ये दोनों ग्वालियर स्थित 1 (वन) स्कॉवड्रन और 9 (नाइन) स्कॉवड्रन के थे. नंबर वन स्कॉवड्रन को 'टाईगर्स' और नाइन को 'वुल्फपैक' के नाम से भी जाना जाता है. सभी मिराज 2000 फाइटर जेट इजरायल से स्पाइस 2000 बमों से लैस थे. करीब 1000 किलो के इन स्पाइस 2000 'प्रेशसियन म्युनिसेन' में करीब 100 किलो बारूद भरा था (बाकी वजन इसके खोल का है जो किसी भी बड़ी से बड़ी इमारत या छत पर गिराने से उसमें होल कर दाखिल हो जाता है और अंदर जाकर फटता है.
मिराज 2000 फाइटर जेट के एक पैकेज को पाकिस्तान के खबैर-पख्तूनख्वां प्रांत के मनशेरा जिले के बालाकोट में आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद के ट्रैनिंग कैंप पर हमला करना था. रास्ते में बरेली एयरबेस से सुखोई विमानों का एक पैकेज भी इनके साथ हो लिया. आगरा एयरबेस से एक आईएल-78 रिफ्युलर भी इनके साथ हो लिया, ताकि अगर उड़ान के दौरान रिफ्यूलिंग की जरूरत पड़े तो ये पूरा कर सके. साथ ही स्वदेशी अवैक्स यानि एयरबोर्न अर्ली वॉर्निंग कंट्रोल सिस्टम, यानि नेत्रा एयरक्राफ्ट भी भटिंडा से उड़ा ताकि पाकिस्तानी एयर-स्पेस पर नजर रखी जा सके और पाकिस्तानी वायुसेना की किसी भी हरकत से मिराज 2000 के पायलट्स को आगाह करता रहे.
सुबह 3.40 बजे बरेली, शिमला, श्रीनगर, उरी और पीओके के मुज्जफराबाद होता हुआ मिराज 2000 का पहला पैकेज एलओसी पार कर पाकिस्तान के बालाको़ट के करीब पहुंचा और इनमें से पांच फाइटर जेट्स ने स्पाइस 2000 बम दाग दिए. एक जेट का निशाना थोड़ा चुक गया और वो पास के जंगल में जाकर गिरा. लेकिन चार बम सीधे जैश के ट्रैनिग कैंप में जाकर गिरे.
मिराज2000 का दूसरा पैकेज राजस्थान सीमा की तरफ चल गया था ताकि पाकिस्तानी वायुसेना चकमा खा जाए कि वो पाकिस्तान के बहावलपुर में जैश ए मोहम्मद के हेडक्वार्टर पर हमला करने जा रहे हैं. भारतीय वायुसेना की ये चाल कामयाब हो गई और पूरी पाकिस्तानी वायुसेना राजस्थान सीमा की तरफ अलर्ट हो गई. इतनी देर में मिराज जेट्स का पहला पैकेज एलओसी से करीब 10-12 किलोमीटर दूर दाखिल हुआ और वहीं से करीब 60 किलोमीटर दूर बालाकोट पर स्पाइस बम दाग दिए. क्योंकि ये प्रेशसियन म्युनिसेन' है इसलिए बालाकोट कैंप के कोर्डिनेट इसमें पहले से ही फीड कर दिए गए थे ताकि ये सीधे वहीं जाकर गिरें. कुछ ही मिनटों में अपना मिशन खत्म कर सभी मिराज2000 फाइटर जेट्स सुरक्षित अपनी सीमा में लौट आए. इससे पहले कि पाकिस्तानी वायुसेना समझ पाती कि आखिर भारतीय जेट्स किस मकसद से पाकिस्तानी सीमा में दाखिल हुए थे, तबतक बालाकोट टेरर कैंप के अंदर तबाही मच चुकी थी.
सुबह पांच बजकर 12 मिनट यानि 5.12 बजे, पाकिस्तानी सेना की मीडिया विंग, आईएसपीआर ने ट्वीट कर दुनिया को बताया कि भारतीय वायुसेना ने मनशेरा में एयर-स्ट्राइक की है.
सुबह करीब 12 बजे भारत के विदेश सचिव विजय गोखले ने घोषणा की कि ये 'प्री-एम्पटिव, नॉन-मिलिट्री' स्ट्राइक थी. भारतीय वायुसेना के इस हमले में बड़ी तादाद में आतंकी, जेहादी, आंतकी ट्रैनर्स और सीनियर कमांडर्स मारे गए. भारत की तरफ से ये पहली आधिकारिक घोषणा थी कि पाकिस्तान में जैश ए मोहम्मद के आतंकी कैंप पर एयर-स्ट्राइक हो चुकी है.
आपको बता दें कि बालाकोट एयर स्ट्राइक से गुस्साए पाकिस्तान ने इस साल 27 फरवरी को 'सरप्राइज डे' मनाने का ऐलान किया है. क्योंकि पिछले साल 27 फरवरी को यानि बालाकोट एयर स्ट्राइक का बदला लेने के लिए पाकिस्तानी वायुसेना ने एलओसी पर भारत के सैन्य ठिकानों पर बमबारी करने की कोशिश की थी, जो भारतीय वायुसेना ने नाकाम कर दी थी. इस डॉगफाइटर के दौरान पाकिस्तानी वायुसेना का एक एफ16 भी विंग कमांडर अभिनंदन ने अपने मिग21 बाइसन एयरक्राफ्ट में मार गिराया था. हालांकि इस दौरान विंग कमांडर अभिनंदन एलओसी पार कर पीओके पहुंच गए थे और पाकिस्तानी सेना ने उन्हें बंदी बना लिया था. बाद में भारत के दवाब में पाकिस्तान ने 60 घंटे बाद विंग कमांडर अभिनंदन को सकुशल भारत को सौंप दिया था. इसके बावजूद पाकिस्तानी वायुसेना इस दिन को सरप्राइज डे मनाने जा रही है.
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