नई दिल्ली: निजामुद्दीन के तब्लीगी जमात का दंश अब वायुसेना में भी फैलने की आंशका है. वायुसेना ने अपने एक सार्जेंट को क्वॉरंटीन सेंटर में भेज दिया है क्योंकि जब तब्लीगी जमात की बैठक चल रही थी उस वक्त ये सार्जेंट भी निजामुद्दीन में मौजूद था.


वायुसेना के प्रवक्ता के मुताबिक अभी इस बात की जांच चल रही है कि सार्जेंट (थलसेना में हवलदार के समकक्ष) निजामुद्दीन की अपनी यात्रा के दौरान जमात की बैठक में शामिल हुआ था या नहीं, लेकिन एहतियातन वायुसेना ने इस सार्जेंट समेत दो और वायु सैनिकों को राजधानी दिल्ली के पालम एयरफोर्स स्टेशन में क्वॉरंटीन कर दिया है. ये दोनों वायु सैनिक उसी सार्जेंट के संपर्क में थे जो निजामुद्दीन गया था. इसीलिए इन दोनों को भी आइसोलेशन में भेजा गया है.


जानकारी के मुताबिक उपरोक्त सार्जेंट पालम एयरफोर्स स्टेशन में ही कार्यरत है और एक दिन निजामुद्दीन इलाके में गया था. कुछ देर रूकने के बाद ये वापस पालम लौट आया था. सूत्रों के मुताबिक निजामुद्दीन में तब्ली्गी जमात के खिलाफ कारवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने भारतीय वायुसेना को इस सार्जेंट के वहां की जानकारी दी. क्योंकि सार्जेंट के फोन की लोकेशन उस इलाके में आ रही थी.


बता दें कि निजामुद्दीन इलाके में तब्लीगी जमात का मरकज आठ मार्च से चल रहा था. इसमें मुस्लिम समुदाय के देश-विदेश से हज़ारों लोगों ने हिस्सा लिया था, लेकिन कोरोना वायरस के चलते जब पूरे देश में लॉकडाउन की घोषणा हुई तो बड़ी तादाद में जमात के लोग इसी मरकज बिल्डिंग में रह गए थे. बाद में दिल्ली पुलिस ने स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ मिलकर कारवाई कर मरकज को खाली करा लिया. यहां मौजूद तब्लीगी जमात के सदस्यों को नरेला और दूसरे क्वॉरंटीन सेंटर में भेज दिया गया है.


शनिवार को ही स्वास्थ्य मंत्रालय की प्रेस कॉन्फ्रेंस में जानकारी दी गई थी कि देशभर में जो कोरोना वायरस के कुल 2902 पॉजिटिव मामले सामने आए हैं उनमें करीब 30 प्रतिशत यानि 1023 इसी मरकज से जुड़े हुए थे. अबतक मरकज के सदस्यों और उनके संपर्क में आए करीब 22 हजार लोगों को 17 अलग-अलग राज्यों में सरकार ने क्वॉरंटीन किया है.


ये भी पढ़ें-