सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर बैन लगाने पर पायलट एसोसिएशन जताया विरोध, बताया गैरकानूनी और मौलिक अधिकारों का उल्लंघन
एयर इंडिया के अपने सभी कर्मचारियों के सोशल और डिजिटल मीडिया के इस्तेमाल पर पाबंदी लगाने का एयर इंडिया इंडियन कमर्शियल पायलट एसोसिएशन ने विरोध किया है. एसोसिएशन ने इसे गैरकानूनी और मौलिक अधिकार का उल्लंघन करने वाला निर्णय बताया है.
नई दिल्ली: एयर इंडिया इंडियन कमर्शियल पायलट एसोसिएशन (आईसीपीए) ने एयर इंडिया के सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर पाबंदी लगाने के निर्णय का विरोध किया है. आईसीपीए ने गुरुवार को एयर इंडिया के चेयरमैन को पत्र लिखकर कहा कि एयरलाइन की सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर पाबंदी लगाने की नीति अवैध है और मौलिक अधिकार का उल्लंघन करती है.
एयरलाइन के चेयरमैन एंड एमडी (सीएमडी) राजीव बंसल को लिखे एक पत्र में आईसीपीए कहा " एयर इंडिया की पॉलिसी पूरी तरह से अवैध है और इसका कोई कानूनी आधार नहीं है. पॉलिसी के अनुसार एयर इंडिया ने अपने सभी कर्मचारियों के सोशल और डिजिटल मीडिया के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया है."
पॉलिसी में सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म शामिल आईसीपीए ने कहा है कि एयर इंडिया की पॉलिस को एग्जामिन करने के बाद पाया कि इसमें वर्तमान कर्मचारियों के साथ ही सेवानिवृत्त कर्मचारियों के भी सोशल मीडिया के इस्तमाल पर पाबंदी लगाई गई है.इसमें फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और लिंक्डइन भी शामिल हैं. पत्र में एसोसिएशन ने कहा है कि "वर्तमान में भारत में ऐसा कोई कानून नहीं है जो एयर इंडिया को उसके कर्मचारियों के सोशल मीडिया और डिजिटल मीडिया के इस्तेमाल पर रोक लगाने का अधिकार देता हो. एयर इंडिया संविधान के अनुच्छेद 12 के तहत आती है "
अभिव्यक्ति की आजादी के अधिकार का उल्लंघन एसोसिएशन ने कहा कि बिना किसी कानूनी आधार के यह प्रतिबंध लगाया गया है. यह संविधान के अनुच्छेद 19 (1) (ए) के तहत मिले अभिव्यक्ति की आजादी के मौलिक अधिकार का उल्लंघन है. इसके साथ ही यह पॉलिसी ऑफिशियल डिवाइस और पर्सनल डिवाइस के माध्यम से अपलोड किए गए कंटेंट के बीच अंतर नहीं करती है. इसमें पर्सनल डिवाइस के जरिए अपलोड किए गए कंटेंट को भी शामिल किया गया है. यह पॉलिसी कर्माचारियों के कई तरह के अधिकारों का उल्लंघन करती है.
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