Pee-Gate: एयर इंडिया की फ्लाइट में यात्री के ऊपर पेशाब करने के मामले की जांच अब बंद हो गई है. इस मामले पर एयर इंडिया का बयान सामने आया है जिसमें उसने कहा है कि यात्री शंकर मिश्रा से जुड़ी घटना के मामले में कर्मचारियों की कार्रवाई की आंतरिक जांच बंद कर दी है. एयर इंडिया ने यह भी कहा कि उसे कमांडर का लाइसेंस निलंबित किए जाने की कार्रवाई उनकी गलती की तुलना में अत्यधिक लगती है और वह इसके खिलाफ अपील में उनकी मदद करेगी. 


अंग्रेजी अखबार हिंदुस्तान टाइम्स की वेबसाइट की खबर के मुताबिक, एयर इंडिया ने अपने बयान में कहा, “उसने शिकायतकर्ता के आरोप को गंभीरता से लिया और नए कपड़े दिलाकर उसकी सहायता की गई. उसके सामान को साफ करने में भी मदद की गई और उसी तरह की दूसरी बिजनेस क्लास सीट पर ट्रांसफर कर दिया गया.”


क्या कहा एयर इंडिया ने?


एयर इंडिया ने आगे कहा कि आरोपी शांत, सहयोगी और अपने ऊपर लगे आरोपों से अनिभिज्ञ थे. एयर इंडिया ने दावा किया कि शंकर मिश्रा को क्रू ने ज्यादा शराब नहीं दी थी और वो नशे में भी नहीं लग रहे थे. एयरलाइन के मुताबिक, फ्लाइट कमांडर को केबिन क्रू से नियमित रूप से सूचना दी जाती थी और कथित आरोपी ने किसी भी समय फ्लाइट सेफ्टी के लिए कोई भी जोखिम भी नहीं उठाया.


अपने बयान में एयर इंडिया ने स्वीकार किया कि इस मामले को एक यात्री के प्रथम दृष्टया मामले के रूप में रिपोर्ट किया जाना चाहिए था. विमानन नियामक ने नियमों का पालन नहीं करने पर एयर इंडिया पर 30 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है.


एयर इंडिया ने की क्रू की सराहना


एयर इंडिया ने अपने बयान में आगे कहा, “जब सभी तथ्य मौजूद नहीं थे, एयर इंडिया वास्तविक समय में स्थिति को प्रभावी ढंग से संभालने के लिए क्रू के प्रयासों की सराहना करना चाहता है.” इसके साथ ही ये भी नोट करता है कि बिजनेस क्लास यात्री के उस समय के लिखित बयान में केबिन क्रू के कामों की स्पष्ट प्रशंसा शामिल है और पायलट की आलोचना किसी अन्य संबंध को लेकर की गई थी.


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