नई दिल्ली: तेजस और रफाल लड़ाकू विमानों में अहम भूमिका निभाने वाले एयर मार्शल आर के एस भदौरिया वायुसेना के नए प्रमुख होंगे. रक्षा मंत्रालय ने आज इस बात का ऐलान किया. भदौरिया एयर चीफ मार्शल बी एस धनोआ की जगह वायुसेनाध्यक्ष का पद संभालेंगे जो इस महीने की 30 तारीख को रिटायर हो रहे हैं.
साल 1980 में फाइटर पायलट के तौर पर वायुसेना में अपनी सेवाएं शुरू करने वाले एयर मार्शल भदौरिया इनदिनों वायुसेना के वाइस चीफ यानी सह-वायुसेना प्रमुख के पद पर तैनात हैं. माना जाता है कि उन्हें 26 तरह के विमान उड़ाने का अनुभव है. वे वायुसेना के चीफ टेस्ट पायलट के तौर पर भी काम कर चुके हैं और स्वदेशी लड़ाकू विमान, तेजस के प्रोजेक्ट से जुड़े रह चुके हैं. वे खुद तेजस के टेस्ट पायलट थे.
फ्रांस से 36 रफाल फाइटर जेट सौदे की पहली और सबसे अहम कोस्ट नेगोशिएशन कमेटी (सीएनसी) के भी वे प्रमुख रह चुके हैं. यही वजह है कि अगले महीने यानि अक्टूबर के महीने में फ्रांस से भारत को मिलने वाले पहले रफाल लड़ाकू विमान पर उनके नाम के दो अक्षर, 'आर बी' लिखे होंगे.
हाल ही में फ्रांस के मोंट ग मारसन एयरबेस पर हुई भारत और फ्रांसीसी वायुसेनाओं के साझा युद्धभ्यास, गरूण में उन्होनें खुद रफाल लडाकू विमान में उड़ान भरी थी. उड़ान के तुरंत बाद एयरबेस पर ही एबीपी न्यूज से बातचीत में उन्होनें साफ कर दिया था कि रफाल के भारत में आने से वायुसेना की क्षमताओं में इजाफा होगा और भारत टू फ्रंट वॉर यानि चीन और पाकिस्तान से एक साथ निपट सकेगा.
खास बात ये है कि इस महीने की 30 तारीख को भदौरिया भी रिटायर हो रहे थे, लेकिन सरकार ने उनके रिटायरमेंट को दरकिनार करते हुए वायुसेना प्रमुख की अहम जिम्मेदारी उनके कंधों पर रखी. बता दें कि वायुसेनआ प्रमुख 62 साल की उम्र में जबकि कमांडर्स 60 साल की उम्र में रिटायर होते हैं.
वाइस चीफ का पदभार संभालने से पहले आर के एस भदौरिया रूस में भारत के डिफेंस अटैचे और अंबाला स्थित जगुआर स्कॉवड्रन के सीओ रह चुके हैं. वायुसेना मुखयालय में डिप्टी चीफ (उपवायुसेना प्रमुख) के पद पर रहते हुए रफाल सौदे में अहम भूमिका निभाई और उसके बाद वायुसेना की दक्षिणी कमान और नागपुर स्थित मेंटेनेंस कमान के कमांडिंग इन चीफ (सीएनसी) भी रहे. इसी साल मई के महीने में उन्हें वाइस चीफ बनाया गया था.