New Chief of Air Staff: वीआर चौधरी होंगे देश के अगले वायुसेना प्रमुख, आरकेएस भदौरिया की जगह लेंगे
New Chief of Air Staff: वर्तमान में वायुसेना अध्यक्ष आरकेएस भदौरिया 30 सितंबर को रिटायर हो रहे हैं. एयर मार्शल वीआर चौधरी अगले वायुसेना प्रमुख होंगे.
New Chief of Air Staff: सरकार ने नए वायुसेना प्रमुख की घोषणा कर दी है. मिग-29 के फाइटर पायलट एयर मार्शल वी आर चौधरी 27वें वायुसेना प्रमुख के तौर पर 1 अक्टूबर को अपना चार्ज संभालेंगे. वे मौजूदा वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया की जगह लेंगे जो 30 सितंबर को रिटायर हो रहे हैं.
मंगलवार को रक्षा मंत्रालय ने आधिकारिक बयान जारी करते हुए कहा कि सरकार ने नए वायुसेना प्रमुख के तौर पर मौजूदा वाइस एयर चीफ, वी आर चौधरी को नया वायुसेना प्रमुख बनाने का फैसला लिया है. वी आर चौधरी ने वायुसेना में 1982 में शामिल हुए थे और फाइटर-स्ट्रीम से ताल्लुक रखते हैं. वे मिग-29 फाइटर जेट के पायलट रह चुके हैं और पिछले 39 साल के कैरियर में कई कमान और स्टाफ नियुक्तियां कर चुके हैं. वे फिलहाल सह-वायुसेना प्रमुख के तौर पर तैनात हैं. इससे पहले वे एयरफोर्स एकेडमी में इस्ट्रक्टर के पद पर भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं.
बता दें कि वी आर चौधरी अपने बेबाक बयान के लिए जाने जाते रहे हैं. हाल ही में एक वेबिनार मे बोलते हुए उन्होनें साफ तौर से कहा था कि इसरो की सैटेलाइट वायुसेना की जरूरतों को पूरा नहीं कर पा रही हैं. वी आर चौधरी के मुताबिक, भारत में पूरा स्पेस इको-सिस्टम 'सिविल' प्रणाली का है. इसमें मिलिट्री-भागीदारी की कमी है. ऐसे में देश में सशस्त्र सेनाओं के लिए नेक्सट-जेनरेशन स्पेस टेक्नोलॉजी का अभाव है. बता दें कि पीएम मोदी लगातार सशस्त्र सेनाओं को हाई-ब्रीड (साइबर और स्पेस इत्यादि) वारफेयर के लिए तैयार रहने का आहवान कर रहो हैं. ऐसे में वी आर चौधरी की नियुक्ती काफी अहम मानी जा रही है.
सितंबर 2019 में आरकेएस भदौरिया ने संभाला था पद
एयर चीफ मार्शल भदौरिया ने सितंबर 2019 में वायुसेना प्रमुख का पद संभाला था. भदौरिया को जून 1980 में भारतीय वायु सेना की लड़ाकू शाखा में शामिल किया गया और वह कई पदों पर रहे. राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के पूर्व छात्र भदौरिया ने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए प्रतिष्ठित ‘स्वॉर्ड ऑफ ऑनर’ पुरस्कार भी जीता. करीब चार दशक की सेवा के दौरान भदौरिया ने जगुआर स्क्वाड्रन और एक प्रमुख वायु सेना स्टेशन का नेतृत्व किया. इसके अलावा उन्होंने जीपीएस का इस्तेमाल कर जगुआर विमान से बमबारी करने का तरीका ईजाद किया. यह साल 1999 में ‘ऑपरेशन सफेद सागर’ में जगुआर विमान की बमबारी में भूमिका से खासतौर से जुड़ा है.
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