देश में बुलंदशहर और नोएडा में सबसे अधिक प्रदूषण रिकॉर्ड किया गया है. इन दोनों शहरों का एयर क्वालिटी एंडेक्स (AIQ) 488 दर्ज किया गया है. जबकि देश की राजधानी दिल्ली में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने लोगों को घरों से बाहर जाने से बचने की सलाह दी है. बोर्ड ने सरकारी और निजी कार्यालयों को राष्ट्रीय राजधानी में गंभीर वायु प्रदूषण के कारण वाहनों के उपयोग को 30 प्रतिशत तक कम करने का निर्देश दिया.


आज इन शहरों में कितना प्रदूषण रहा


दिल्ली में 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) शाम चार बजे तक 471 दर्ज किया गया, जो इस मौसम में अब तक का सबसे खराब है. गुरुवार को यह 411 था. शाम चार बजे तक फरीदाबाद में एक्यूआई 460, गाजियाबाद में 486, ग्रेटर नोएडा में 478, गुरुग्राम में 448 और नोएडा में 488 दर्ज किया गया, जो गंभीर श्रेणी में था.


उल्लेखनीय है कि एक्यूआई शून्य से 50 के बीच ‘अच्छा’, 51 से 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 से 300 के बीच ‘खराब’, 301 से 400 के बीच ‘बेहद खराब’ और 401 से 500 के बीच ‘गंभीर’ माना जाता है.


सीपीसीबी ने कहा, ‘‘सरकारी और निजी कार्यालयों और अन्य प्रतिष्ठानों को सलाह दी जाती है कि वे वाहन के उपयोग को कम से कम 30 प्रतिशत (घर से काम करके, कार-पूलिंग, बाहरी गतिविधियों को सीमित करके, आदि) तक कम करें.’’


सीपीसीबी ने कहा कि कार्यान्वयन एजेंसियों को, उचित स्तर पर की गई कार्रवाइयों की बारीकी से निगरानी करनी चाहिए और प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों और संबंधित समितियों को दैनिक रिपोर्ट प्रस्तुत करनी चाहिए, जो वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) और सीपीसीबी को रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी.


उसने कहा, ‘‘संबंधित एजेंसियों को जीआरएपी (श्रेणीबद्ध प्रतिक्रिया कार्य योजना) के अनुसार ‘आपातकालीन’ श्रेणी के तहत उपायों के कार्यान्वयन के लिए पूरी तरह से तैयार रहना चाहिए.’’


सीपीसीबी के सदस्य सचिव प्रशांत गर्गव ने कहा कि प्रतिकूल मौसम, पराली जलाने और कम हवाओं के कारण प्रदूषकों के नहीं छितराने के परिणामस्वरूप आने वाला सप्ताह दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता के संबंध में काफी महत्वपूर्ण है.


सीपीसीबी ने कहा कि उत्तर प्रदेश और हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों से दैनिक आधार पर की गई कार्रवाई रिपोर्ट (एटीआर) प्राप्त होती है, लेकिन दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति और राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से इन रिपोर्टों का इंतजार है.


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