दुनियाभर के जिन 6 देशों में रहने वाले लोगों की जिंदगी पर वायु प्रदूषण का सबसे ज्यादा असर पर ड़ रहा है, उनमें भारत का भी नाम शामिल है. यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो ने वायु प्रदूषण पर रिपोर्ट पेश की है, जिसके आंकड़े बेहद चिंताजनक हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, वायु प्रदूषण भारत के लोगों की जिंदगी के 5 साल कम कर रहा है, जबकि सिर्फ दिल्ली की बात करें तो स्थिति और भी ज्यादा खराब है. 


दिल्ली को लेकर आंकड़े चौंकाने वाले
विश्व स्वास्थ्य संगठन के तय मानक 5 माइक्रोग्राम पर क्यूबिक मीटर की तुलना में देश का सूक्ष्म कण वायु प्रदूषण (PM 2.5) लोगों की जिंदगी 5 साल कम कर रहा है. यूनिवर्सिटी के एनर्जी पॉलिसी इंस्टीट्यूट द्वारा जारी एयर क्वालिटी लाइफ इंडेक्स के मुताबिक, दिल्ली को दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर बताते हुए कहा गया कि यहां रहने वालों के स्वास्थ्य पर सबसे ज्यादा असर पड़ रहा है और उनकी जिंदगी के 11.9 साल कम कर रहा है. 


6 देशों पर सबसे ज्यादा खतरा
वार्षिक वायु गुणवत्ता जीवन सूचकांक (एक्यूएलआई) रिपोर्ट में कहा गया कि 2021 में प्रदूषण बढ़ने के साथ मानव स्वास्थ्य का खतरा भी बढ़ गया. आंकड़ों से स्पष्ट होता है कि सूक्ष्म कणों से होने वाला प्रदूषण मानव स्वास्थ्य के लिए दुनिया का सबसे बड़ा बाहरी खतरा बना हुआ है. शिकागो यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर माइकल ग्रीनस्टोन ने कहा कि वायु प्रदूषण से दुनियाभर के लोगों के जीवन पर पड़ पड़ रहे प्रभाव का तीन चौथाई हिस्सा सिर्फ 6 देशों- बांग्लादेश, भारत, पाकिस्तान, चीन, नाइजीरिया और इंडोनेशिया में है.


अनुसंधानकर्ताओं के मुताबिक, मानव जीवन पर वायु प्रदूषण से सबसे ज्यादा खतरे के मद्देनजर वैश्विक वायु गुणवत्ता अवसंरचना के लिए सामूहिक मौजूदा निवेश अपर्याप्त लगता है. उन्होंने कहा कि एचआईवी/एड्स, मलेरिया और टीबी के लिए हर साल बड़े वैश्विक कोष का निवेश किया जाता है, लेकिन वायु प्रदूषण के लिहाज से ऐसा नहीं है.


(एजेंसी आइएएनएस इनपुट के साथ)


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