प्रदूषण पर NGT की सख्ती, दिल्ली सरकार और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सहित कई विभागों के अधिकारियों को किया तलब
राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने दिल्ली में प्रदूषण के खतरनाक स्तर पर पहुंचने पर स्वत: संज्ञान लेते हुए दिल्ली सरकार, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति और पर्यावरण मंत्रालय के अधिकारियों को तलब किया है.
नई दिल्ली: राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने दिल्ली में प्रदूषण के खतरनाक स्तर तक बढ़ने के मामले में सोमवार को स्वत: संज्ञान लिया. एनजीटी ने कहा कि मौजूदा हालात एक दिन में पैदा नहीं हुए, बल्कि ये लगातार लापरवाही और उदासीनता का परिणाम है. एनजीटी अध्यक्ष जस्टिस ए के गोयल ने दिल्ली सरकार, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति और पर्यावरण मंत्रालय के अधिकारियों से मंगलवार को सुबह साढ़े 10 बजे उसके समक्ष पेश होने को कहा.
पीठ ने बंद कमरे में हुई सुनवाई के बाद दिल्ली के मुख्य सचिव, डीपीसीसी अध्यक्ष, सीपीसीबी के सदस्य सचिव और पर्यावरण मंत्रालय के संबंधित सचिव को मंगलवार को पेश होने को कहा. पीठ ने अपने आदेश में कहा, ‘‘आगे की सुनवाई के लिए मामले को 05.11.2019 को सुबह 10.30 बजे के लिए सूचीबद्ध किया जाए. दिल्ली के मुख्य सचिव, डीपीसीसी अध्यक्ष, सीपीसीबी के सदस्य सचिव और पर्यावरण मंत्रालय के संबंधित सचिव व्यक्तिगत रूप से मौजूद रहें.’’
एनजीटी ने कहा
एनजीटी ने दिल्ली में बद से बदतर होती वायु गुणवत्ता पर कहा कि मौजूदा प्रवर्तन रणनीतियों और मौजूदा अवांछनीय हालात के बीच के अंतर से निपटने के लिए उचित योजना बनाए जाने की तत्काल आवश्यकता है. एनजीटी ने कहा, ‘‘मौजूदा हालात एक दिन में पैदा नहीं होते. यह कानून लागू करने में प्राधिकारियों की लगातार लापरवाही और उदासीनता का परिणाम है.’’
राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने कहा, ‘‘यह पता लगाने की आवश्यकता है कि इस असफलता का कारण क्या है और किन निवारक रणनीतियों एवं उपचारात्मक कदमों से यह सुनिश्चित किया जा सकता है कि मौजूदा हालात भविष्य में फिर पैदा नहीं हों.’’
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में निर्माण कार्य, इमारत गिराना और कूड़ा जलाने पर रोक लगाने का सोमवार को निर्देश दिया. उसने पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में भी यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि वहां पराली जलाए जाने की कोई घटना नहीं हो.
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