नई दिल्लीराष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण की बढ़ती समस्या के मद्देनजर केंद्र सरकार ने वाहनों के लिए बेहतर गुणवत्ता वाले बीएस-6 किस्म के ईंधन को समय से पहले ही बेचना जरुरी करने का फैसला किया है. बीएस यानी भारत स्टेज ईंधन की गुणवत्ता और गाड़ियों से निकलने वाले धुएं को लेकर कायदे-कानून का पैमाना है.


2020 से बेचे जाने थे बीएस-6 किस्म के ईंधन

तेल मंत्रालय की ओऱ से जारी एक बयान के मुताबिक, बीएस-6 किस्म के ईंधन को पहले पहली अप्रैल 2020 से बेचा जाना शुरु करना था. लेकिन दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के मद्देनजर अब ये तय हुआ है कि दिल्ली में अगले साल पहली अप्रैल से बीएस-6 किस्म के ही ईंधन बिकने शुरु हो जाएंगे.

दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण में आएगी कमी

साथ ही मंत्रालय ने सभी तेल कंपनियों से इस बात की संभावना तलासने को कहा है कि क्या पूरे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर – दिल्ली औऱ उससे सटे उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान के कुछ इलाके) में पहली अप्रैल 2019 से बीएस-6 किस्म के वाहन ईंधन बेचना संभव है या नहीं. सरकार का मानना है कि ईंधऩ की बेहतर गुणवत्ता से राष्ट्रीय राजधानी और उसके आसपास के इलाके में प्रदूषण के स्तर में कमी लाना संभव हो पाएगा.

बीएस-4 किस्म के वाहन ईंधन की बिक्री इसी वर्ष पहली अप्रैल से पूरे देश में शुरु की गयी. इसके पीछे मकसद वाहनों के लिए स्वच्छ ईंधन मुहैया कराना है. सरकार का दावा है कि इससे प्रदूषण के स्तर में कमी लाने में मदद मिलेगी. इन्ही सब लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने तय किया कि बीएस-4 से सीधे बीएस-6 किस्म के ईंधन बेचने का काम पूरे देश में पहली अप्रैल 2020 से शुरु किया जाएगा. मंत्रालय का कहना है कि तेल कंपनियां बीएस-6 किस्म के ईंधन मुहैया कराने के लिए बड़े पैमाने पर निवेश कर रही हैं.

मौजूदा वाहनों का क्या होगा?

देश में बीएस-4 मानक वाले इंजन के साथ गाड़ियों का बिकना शुरु हो चुका है. कार कंपनियों का कहना है कि अगर आपके पास बीएस-4 मानक वाले इंजन लगी गाड़ी आपके पास है तो आपको चिंता करने की जरुरत नहीं. इसमें बीएस-6 किस्म के ईंधऩ का इस्तेमाल बिना किसी परेशानी के किया जा सकता है. दूसरे शब्दों में कहें तो आपको इंजन वगैरह बदलवाने की जरुरत नहीं होगी.

दूसरी ओर ये पहले ही तय हो चुका है पहली अप्रैल 2020 से बीएस-6 मानक वाले इंजन के साथ ही गाड़ियां बिकेंगी. कंपनियों की मानें तो बीएस-6 मानक वाले इंजन के साथ की गाड़ियों की कीमत मौजूदा गाड़ियों के मुकाबले 15 से 30 हजार रुपये ज्यादा हो सकती है. कंपनियो की मानें तो ये अंतर स्वाभाविक है, क्योंकि अगर बेहतर गुणवत्ता वाले इंजन गाड़ियां में लगायी जाए तो उनकी कीमत में कुछ इजाफा तो होगा है.

इस बीच, कार कंपनियों को अब इंतजार इस बात का है कि पूरे देश भर में बीएस-6 किस्म के इंजन को शुरु करने का टाइम टेबल क्या है, मतलब, कब-कब किस शहर में इसे लागू किया जाएगा.