'खराब' श्रेणी में है दिल्ली में वायु गुणवत्ता, प्रदूषण में पराली जलाने की हिस्सेदारी के भी बढ़ने का अनुमान
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सोमवार सुबह वायु गुणवत्ता ‘खराब’ श्रेणी में दर्ज की गई. हालांकि अनुकूल गति से हवा चलने की वजह से पॉल्यूशन स्तर में कुछ कमी आई है.
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सोमवार सुबह वायु गुणवत्ता ‘खराब’ श्रेणी में दर्ज की गई. हालांकि सही गति से हवा चलने की वजह से पॉल्यूशन स्तर में कुछ कमी आई है. वहीं पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की दिल्ली के लिए वायु गुणवत्ता पूर्व चेतावनी प्रणाली ने, शहर के प्रदूषण में पराली जलने की हिस्सेदारी बढ़ने का अनुमान जताया है.
रविवार को हुई पराली जलाने की घटनाएं सबसे ज्यादा
केन्द्र सरकार की एजेंसी ने जानकारी दी है कि, रविवार को पराली जलाने की 1,230 घटनाएं हुईं जो इस मौसम में एक दिन में पराली जलाने की अब तक कि सबसे ज्यादा घटनाएं हैं. वहीं दिल्ली में पीएम 2.5 प्रदूषक कणों में पराली जलाने की हिस्सेदारी रविवार को 17 फीसदी थी. जबकि शनिवार को यह 19 फीसदी थी, शुक्रवार को 18 फीसदी, बुधवार को करीब एक फीसदी और मंगलवार, सोमवार और रविवार को करीब तीन फीसदी थी.
फरवरी के बाद से सबसे ज्यादा खराब रहा एक्यूआई
दिल्ली में सोमवार सुबह पौने नौ बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 232 दर्ज किया गया.रविवार को 24 घंटे के दौरान औसत गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 254 दर्ज किया गया. जबकि शनिवार को यह 287 दर्ज किया गया था. शुक्रवार को यह 239, बृहस्पतिवार को 315 दर्ज किया गया था, जो इस वर्ष 12 फरवरी के बाद से सबसे ज्यादा खराब है. उस दिन एक्यूआई 320 था.
एक दिन में प्रदूषण की समस्या का नहीं हो सकता है हल
बता दें कि वायु गुणवत्ता को 0 से 50 के बीच ‘अच्छी’, 51 से 100 तक ‘संतोषजनक’, 101 से 200 तक ‘मध्यम’, 201 से 300 तक ‘खराब’, 301 से 400 तक ‘बेहद खराब’ और 401 से 500 के बीच ‘गंभीर’ माना जाता है.इससे पहले, रविवार को केन्द्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा था कि प्रदूषण की समस्या का एक दिन में समाधान नहीं किया जा सकता है और हर कारक से निपटने के लिए लगातार कोशिश करने की जरूरत है.फेसबुक लाइव कार्यक्रम में लोगों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि देश में वायु प्रदूषण के बड़े कारक यातायात, उद्योग, कचरा, धूल, पराली आदि हैं.वहीं केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने कहा था कि दिल्ली में पिछले साल की तुलना में इस साल सितम्बर के बाद से प्रदूषकों के बड़े स्तर पर छितराव के लिये मौसमी दशाएं 'अत्यधिक प्रतिकूल' रही हैं.
ये भी पढ़ें
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आतंकी हमला, गंगू इलाके में मुठभेड़ के दौरान एक जवान घायल
क्रिकेट एसोसिएशन घोटाला: फारुख अब्दुल्ला से ईडी ने की पूछताछ, उमर बोले- यह राजनीतिक साजिश