नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में दिवाली पर छोड़े गए पटाखों की वजह से प्रदूषण का स्तर और बढ़ गया है. हर तरफ धुंध छाई हुई है. लोगों को सांस लेने में तकलीफ और आंखों में जलन से जूझना पड़ रहा है.


सुप्रीम कोर्ट ने दिवाली पर पटाखा छोड़ने के लिए दो घंटे की सीमा तय की थी लेकिन लोगों ने इसके अलावा भी पटाखे छोड़े. जिसकी वजह से दिल्ली की हवा में पटाखों की तेज आवाज के साथ ही जहरीला धुंआ और राख भर गया. चांदनी चौक समेत कई इलाकों में तो वायु गुणवत्ता का स्तर ‘गंभीर’ स्तर को पार गया. वहीं पूरे दिल्ली की बात करें तो यहां वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ स्तर पर पहुंच गई.



सरकारी एजेंसियों के मुताबिक, सोमवार को सुबह 6:30 बजे दिल्ली की औसत वायु गुणवत्ता का स्तर 327 पर पहुंच गया जबकि शनिवार को यह 302 था. सरकार की वायु गुणवत्ता निगरानी संस्था ‘सफर’ ने दिवाली की रात पटाखे जलाने, मौसम में बदलाव और पराली जलाने की वजह से दिल्ली की औसत वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ स्तर पर पहुंचने की आशंका जताई है.


आंकड़ों के मुताबिक दिन में आनंद विहार में पीएम-10 का स्तर 515 दर्ज किया गया. वहीं वजीरपुर और बवाना में पीएम-2.5 का स्तर 400 के पार चला गया. राजधानी स्थित 37 वायु गुणवत्ता निगरानी केंद्रों में से 25 ने वायु गुणवत्ता ‘खराब’ श्रेणी में दर्ज की.


दिल्ली के नजदीक स्थित शहरों फरीदाबाद, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा और नोएडा में रविवार रात 11 बजे वायु गुणवत्ता का स्तर क्रमश: 320, 382, 312 और 344 रहा. बता दें कि पिछले दिवाली के मौके पर दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर सुरक्षित सीमा से 12 गुना अधिक 600 तक पहुंच गया था.


शून्य से 50 के बीच के एक्यूआई (एयर क्वालिटी इंडेक्स) को ‘अच्छा’, 51 से 100 को ‘संतोषजनक’, 101 से 200 को ‘मध्यम’, 201 से 300 को ‘खराब’, 301 से 400 को ‘बहुत खराब’ और 401 से 500 को ‘गंभीर’ और 500 से ऊपर को अति गंभीर आपात स्थिति की श्रेणी में रखा जाता है.


लोगों ने मालवीय नगर, लाजपत नगर, कैलाश हिल्स, बुराड़ी, जंगपुरा, शाहदरा, लक्ष्मी नगर, मयूर विहार, सरिता विहार, हरी नगर, न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी, द्वारका सहित कई इलाकों में पटाखा छोड़ने के लिए तय दो घंटे की समयसीमा का उल्लंघन करके पटाखे छोड़े. दिल्ली के आसपास के इलाकों नोएडा, गुरुग्राम और गाजियाबाद में भी लोगों ने निर्धारित समय के अलावा भी पटाखे छोड़े.