(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
दिल्ली के IGI एयरपोर्ट में चलेगी हवा में चलने वाली ट्रेन, जानें टर्मिनल-1 और टर्मिनल-3 को कैसे जोड़ेगी एयर ट्रेन
दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट के टर्मिनल-1 से टर्मिनल-3 के बीच चार स्टेशन बनाए जांएगे. एयर ट्रेन के 6 किमी लंबे रूट में टी-1, एयरोसिटी, कार्गो टर्मिनल और टी-3 चार स्टेशन होंगे.
दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट के टर्मिनल 1 से टर्मिनल 3 को जोड़ने के लिए एयर ट्रेन चलाने की योजना बनाई जा रही है. 6 किमी लंबे इस रूट में कुल 4 स्टेशन होंगे. इस तरह यात्रियों को एक टर्मिनल से दूसरे टर्मिनल तक जाने के लिए शटल का इंतजार नहीं करना होगा. वह एयर ट्रेन के जरिए थोड़े ही समय में यह दूरी तय कर सकेंगे.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, इस योजना के लिए कई हजार करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. रिपोर्ट में बताया गया कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय को भेजे गए प्रस्ताव पर जवाब आ गया है. इसके बाद उम्मीद की जा रही है कि जल्दी ही इसका काम भी शुरू कर दिया जाएगा. फिलहाल यात्री शटल के जरिए एक टर्मिनल से दूसरे टर्मिनल तक जाते हैं, जिसमें काफी ज्यादा वक्त लग जाता है. ऐसे में नागरिक उड्डयन मंत्रालय को हवा में चलने वाली ट्रेन का प्रस्ताव दिया गया था.
उड्डयन मंत्रालय के एक सूत्र ने यह जानकारी दी है कि दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (DIAL) ने ऑटोमेटेड पैसेंजर मूवर (APM) का प्रस्ताव दिया था. प्रस्ताव पर उड्डयन मंत्रालय की ओर से जवाब दिया गया है. यह भी बताया गया कि DIAL को भारतीय विमानपत्तनम प्राधिकरण के इस प्रस्ताव पर विचार करने के लिए कहा गया है.
T-1 से T-3 के बीच बनाए जाएंगे चार स्टेशन
टर्मिनल-1 से टर्मिनल-3 के बीच चार स्टेशन बनाए जांएगे. सूत्रों के मुताबिक, 6 किमी लंबे रूट में टी-1, एयरोसिटी, कार्गो टर्मिनल और टी-3 चार स्टेशन होंगे. भारत से पहले शिकागो, शंघाई और फ्रेंकफर्ट जैसे शहरों में यह सुविधा मौजूद है. इंदिरा गांधी एयरपोर्ट पर यह सुविधा शुरू करने के लिए सिंगापुर के एक्सपर्ट्स से भी मदद ली जाएगी.
कितनी आएगी लागत
रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया कि प्रोजेक्ट के लिए कई हजार करोड़ खर्च किए जाएंगे. इसके लिए 3,400 करोड़ रुपये का बजट बनाया गया है. प्रोजेक्ट के लिए फंडिंग की कमी है, जिसे यूडीएफ के जरिए वसूलने की तैयारी है. इसके अलावा, एयरोसिटी के होटल और ऑफिस में दो एडिशनल स्टॉप भी प्रस्तावित हैं, जिनका विस्तार करने का काम किया जा रहा है. सूत्रों ने यह भी बताया कि स्टॉप की संख्या बढ़ाने के लिए फंडिंग की पेशकश की गई है और इसके लिए DIAL की तरफ से 2,500 करोड़ रुपये वसूले जा सकते हैं. इस तरह यूडीएफ द्वारा कवर किए जाने वाले करीब 1,000 रुपये बच जाएंगे. DIAL ने इस विकल्प की जानकारी उड्डयन मंत्रालय को भी दे दी है, लेकिन मंत्रालय की तरफ से अभी तक इस पर कोई जवाब नहीं आया है.
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