DGCA Latest Rules: देशभर में हवाई यात्रा (Air Travel) करने वालों के लिए एक बड़ी खबर है. डीजीसीए (DGCA) ने हवाई यात्रा को लेकर नया आदेश जारी किया है जिसके तहत एयरलाइंस कंपनियों (Airlines Companies) के ऊपर किराए को लेकर लगाए गए कैप को हटा लिया गया है. यानी अब एयरलाइंस कंपनियों के ऊपर अधिकतम किराया (Maximum Fare) बढ़ाने को लेकर कोई रोक नहीं रह गई है.


बता दें कि साल 2020 में कोरोना संक्रमण (Corona Infection) के चलते सरकार ने अधिकतम किराए को लेकर कैप लगा दिया था. अब डीजीसीए ने एयरलाइंस कंपनियों पर से सभी फेयर बैंड्स को खत्म करने की घोषणा की है. बता दें कि डीजीसीए का ये नया आदेश 31 अगस्त 2022 से लागू होगा. 


केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने दिए थे संकेत


आपको बता दें कि कल नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Civil Aviation Minister Jyotiraditya Scindia) ने कहा था कि सरकार विमान ईंधन के दाम के मामले में स्थिति बेहतर होने पर निश्चित रूप से घरेलू एयरलाइन के लिये किराये की सीमा का फिर से आकलन करेगी. गौरतलब है कि कोरोना वायरस महामारी से देश के विमानन क्षेत्र पर प्रतिकूल असर पड़ा और यह क्षेत्र अब खासकर यात्रियों की संख्या के लिहाज से पुनरुद्धार के रास्ते पर है. मंत्रालय ने महामारी को देखते हुए स्थानीय एयरलाइन कंपनियों के किराये को लेकर सीमा लगाई थी. 


सिधिंया ने कहा था कि आज की स्थिति के अनुसार, एयरलाइन के किराये की सीमा निचले हिस्से के काफी करीब नहीं है और यह उच्च सीमा से काफी दूर है. सिंधिया ने कहा था कि वह विमान ईंधन यानी एटीएफ के दाम पर गौर कर रहे हैं और जैसे ही चीजें बेहतर होती हैं, हम निश्चित रूप से इसका फिर आकलन करेंगे. 


विमान ईंधन में आई तेजी


सिंधिया ने माना कि विमानन कंपनियां कई संरचनात्मक मुद्दों का सामना कर रही हैं. रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण एटीएफ कीमत में तेजी आई है और यह 2019-20 में 53,000 रुपये प्रति किलोलीटर से बढ़कर पिछले सप्ताह लगभग 1,41,000 रुपये प्रति किलोलीटर हो गई है. उन्होंने कहा कि कीमत में करीब 16 प्रतिशत यानी करीब 21,000 रुपये प्रति किलोलीटर की कमी आई है लेकिन यह अभी भी लगभग दोगुना है.


सिंधिया ने राज्यों से किया ये आग्रह


सिंधिया ने विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से विमान ईंधन पर लगने वाले मूल्य वर्धित कर (वैट) में कमी लाने का भी आग्रह किया. कुछ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में वैट 20 से 30 प्रतिशत है और उनमें से कइयों ने इसमें कमी की है. उन्होंने कहा, ‘‘मेरे आग्रह और इसमें कमी के कारण होने वाले आर्थिक फायदे के बारे में बताने के बाद 26 राज्यों में से 16 राज्यों (और केंद्र शासित प्रदेश) ने वैट 20 से 30 प्रतिशत से कम कर एक से चार प्रतिशत कर दिया है.


सिंधिया ने कहा कि वह अन्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ काम कर रहे हैं ताकि वे भी एटीएफ पर वैट कम कर सके. हवाई यातायात के बारे में मंत्री ने कहा कि आने वाले समय में यात्रियों की संख्या और बढ़ेगी.


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