नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम को एयरसेल-मैक्सिस मामले में छह मई तक गिरफ्तारी से राहत दे दी है. विशेष न्यायाधीश ओ. पी. सैनी ने चिदंबरम परिवार को अंतरिम राहत दी और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को सबूत जुटाने के लिए और समय दिया है. कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख छह मई तय की है.





एयरसेल-मैक्सिस मामले में कुल 18 आरोपी हैं. इस मामले में सीबीआई की ओर से 19 जुलाई, 2018 को दायर आरोप-पत्र में चिदंबरम और उनके बेटे का नाम था.


क्या है एयरसेल-मैक्सिस मामला?
कार्ति चिदंबरम पर 2007 में आईएनएक्स मीडिया को विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी दिलाने के लिए पैसे लेने का आरोप है. उस वक्त उनके पिता पी. चिदंबरम यूपीए सरकार में वित्तमंत्री थे. सीबीआई ने पिछले साल 15 मई को मामले में प्राथमिकी दर्ज की थी. सीबीआई का आरोप है कि आईएनएक्स मीडिया को मंजूरी दिलाने में अनियमितताएं बरती गईं और 305 करोड़ रुपये विदेशी निवेश हासिल किया गया. सीबीआई ने शुरू में आरोप लगाया था कि एफआईपीबी मंजूरी को सुविधाजनक बनाने के लिए कार्ति को रिश्वत के रूप में 10 लाख रुपये मिले थे.


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