नई दिल्ली: एयरसेल-मैक्सिस मामले में दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार को पूर्व केन्द्रीय मंत्री पी. चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम को गिरफ्तारी से मिली अंतरिम छूट की अवधि 18 फरवरी तक बढ़ा दी. सीबीआई के विशेष जज ओ. पी. सैनी ने चिदंबरम को इस आधार पर राहत दी कि वह एक फरवरी को उपलब्ध नहीं रहेंगे. मामले की सुनवाई पहले एक फरवरी को होनी थी.
इससे पहले 11 जनवरी को हुई पिछली सुनवाई में सीबीआई ने अदालत को बताया था कि एयरसेल-मैक्सिस मामले में केंद्र ने उसे सेवारत और पूर्व नौकरशाहों समेत पांच लोगों के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है. इस मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेसी नेता पी चिदंबरम और उनके पुत्र कार्ति भी आरोपी हैं.
विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) के जिन तत्कालीन सदस्यों के खिलाफ मंजूरी हासिल की गई है उनमें तत्कालीन आर्थिक मामलों के सचिव अशोक झा, वित्त मंत्रालय में तत्कालीन अतिरिक्त सचिव अशोक चावला और तत्कालीन संयुक्त सचिव कुमार संजय कृष्ण शामिल हैं. इसके अलावा मंत्रालय में तत्कालीन निदेशक दीपक कुमार सिंह और तत्कालीन अपर सचिव राम शरण शामिल हैं.
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एजेंसी ने पिछले साल 16 नवंबर को कहा था कि पी चिदंबरम के लिए ऐसी ही मंजूरी हासिल की जा चुकी है. मामले में 18 आरोपी हैं. इस मामले में सीबीआई द्वारा 19 जुलाई, 2018 को दायर आरोप-पत्र में चिदंबरम और उनके बेटे का नाम था. एजेंसी ने विशेष जज के समक्ष एक पूरक आरोप-पत्र दायर किया था, जिन्होंने इस पर विचार के लिए 31 जुलाई, 2018 की तारीख तय की थी. यह मामला एयरसेल मैक्सिस सौदे में विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी देने में कथित अनियमितता से जुड़ा है.
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