नई दिल्ली: 30 साल तक देश का गौरव बनकर रक्षा करने वाला युद्धपोत INS विराट 6 मार्च को रिटायर होने जा रहा है. समुद्र पर राज करने वाले INS विराट को 6 मार्च को जब अंतिम विदाई दी जाएगी तो उसके समंदर में 57 साल के सफर का अंत हो जाएगा. ख़त्म होने जा रहे इस युद्धतोप के 57 सालों का इतिहास न सिर्फ़ भारतीय नौसेना के साथ बल्कि ब्रिटिश की रोयल  नेवी के साथ भी  जुड़ा हुआ है.


 






भारतीय नौसेना का गर्व , समुद्र का सबसे बड़ा सिकंदर , जानें INS विराट की गौरव गाथा


साल 1959 से लेकर 2017 तक यानि पूरे 57 सालों तक INS विराट ने भारत की समुद्री सीमा की निगेहबानी की है. 57 सालों तक देश की सेवा करने वाला विराट अब बूढ़ा हो चुका है. इस पोत ने सन् 1959 रायल नेवी (ब्रिटिश नौसेना) के लिये कार्य करना शुरु किया. इस का प्रथम नाम HMS हर्मस था. उसके बाद 1986 मे भारतीय नौसेना ने कई देशो के युद्ध पोतों की समीक्षा करने के बाद इसे रॉयल नेवी से खरीद लिया. जिसके बाद 12 मई 1987 को इसे भारतीय नौसेना में आधिकारिक रूप से सम्मलित कर लिया गया.


जानें INS विराटकी खूबियां की


इस युद्धपोत का वजन 24 हजार टन है.  इसकी लंबाई 743 फुट और चौड़ाई 160 फुट है. अगर इसके चाल की बात करें तो 52 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से समुद्र की लहरों के बीच दौड़ सकता है. एक बार सफर पर निकलने के साथ ही इस युद्धतोप में तीन महीनें का राशन रख लिया जाता था. आईएनएस विराट पर 250 अफसर और 1500 नाविकों की जगह है.  इसमें लाइब्रेरी, जिम, एटीएम, टीवी और वीडियो स्टूडियो के अलावा एक अस्पताल, दातों के इलाज का सेंटर और मीठे पानी के लिए एक डिस्टिलेशन प्लांट भी है.



श्रीलंका में शांति स्थापना के लिए ऑपरेशन में लिया हिस्सा


भारतीय नौसेना में शामिल होने के बाद I INS विराट ने जुलाई 1989 में ऑपरेशन जुपिटर में पहली बार श्रीलंका में शांति स्थापना के लिए ऑपरेशन में हिस्सा लिया. वर्ष 2001 में भारतीय संसद पर हमले के बाद ऑपरेशन पराक्रम में भी विराट की भूमिका थी.


आईएनएस विराट के अब तक का सफर 


विमानवाहक पोत ने बिट्रेन की रॉयल नेवी में 27 और भारतीय नौसेना में 29 साल बिताए हैं. विराट के डेक से कई लड़ाकू विमानों ने  22,034 की उड़ान भरी है. इसने करीब 2,250 दिन और करीब10,94,215 किलोमीटर का सफर समुद्र में तय किया है. इसका मतलब यह है कि विराट ने समुद्र में छह साल से ज्यादा समय गुजारा जिसमें दुनिया का करीब 27 दफा चक्कर लगाया जा सकता है.


गिनीज बुक में भी दर्ज है आईएनएस विराट का नाम


भारतीय नौसेना में अपनी सेवा के 30 सालों में विराट 6 साल समंदर में रहा है और बाकी समय बंदरगाह पर बिताए. सबसे ज्यादा समय तक सेवा में रहने की वजह से INS विराट का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में भी दर्ज है. 6 मार्च को इंडियन नेवी से रिटायर होने जा रहे इस युद्धपोत के कई हिस्से अब जंग खा चुके हैं.


रिटायरमेंट के बाद आईएनएस विराट का क्या होगा?


सवाल है की रिटायरमेंट के बाद INS विराट का क्या होगा ।क्या इसे भी म्युजियम में बदला जाएगा या फिर इसे कबाड़ में बेचा जाएगा । इसे म्यूजियम बनाने के लिए आंध्र प्रदेश राज्य सरकार ने रूचि जताई है पर इसे म्यूजियम में बदलने के लिए 1000 करोड़ का खर्च आएगा । ये रकम कौन खर्च करेगा ये तस्वीर फिलहाल साफ नहीं है.