नई दिल्ली: प्राइवेट जेट में उड़ान भरना हमेशा अमीरों का शगल माना गया है. लेकिन कोरोना वायरस के चलते प्राइवेट जेट अब जमीन पर आ टिके हैं. हालात यह हो गए हैं कि प्राइवेट जेट कंपनियों का तकरीबन 50 प्रतिशत कारोबार खत्म हो चुका है. हालात यही रहे तो आने वाले दिनों में कई प्राइवेट जेट कंपनियों पर ताले लटक जाएंगे. बड़े पैमाने पर एविएशन सेक्टर में नौकरियां चली जायेगी.


10 चार्टर प्लेन के फ्लीट के साथ संचालन करने वाली देश की बड़ी नॉन scheduled फ्लाइट ऑपरेटर है क्लब वन एयर. कंपनी के सीईओ (टेक्निकल) संजय जुल्का ने एबीपी न्यूज़ से बातचीत में बताया कि हमारे 10 एयरक्राफ्ट में से अमूमन 6-7 एयरक्राफ्ट हमेशा ऑपरेट करते हैं. लेकिन, कोरोना वायरस के चलते लगभग 50 प्रतिशत फ्लाइट कैंसिल हैं.


अब दिन में सिर्फ 2 या अधिकतम 3 फ्लाइट ही जा रही हैं. कोरोना वायरस के चलते इवेंट्स, सेमिनार, मीटिंग्स, रैली सब कैंसिल हो चुकी हैं. हमारे ग्राहक अधिकतर नेता और कॉर्पोरेट होते हैं. ये लोग ट्रेवल ही नहीं कर रहे हैं. अमीर लोग यात्रा करने से परहेज कर रहे हैं जिसके चलते व्यापार प्रभावित हो रहा है. सिर्फ मेडिकल सुविधा वाले चार्टर पहले की तरह चल रहे हैं. जुल्का ने बताया कि अगर आगे भी यही स्थिति बनी रहती है तो आगे चलकर तनख्वाह कम की जा सकती हैं, नौकरियों पर भी संकट आ सकता है.


देश भर में नॉन scheduled ऑपरेटर्स के संगठन बिजनेस एयरक्राफ्ट ऑपरेटर्स एसोसिएशन (BAOA) के मैनेजिंग डायरेक्टर आर के बाली ने एबीपी न्यूज़ को बताया कि देश भर में प्राइवेट चार्टर प्लेन और प्राइवेट हेलीकॉप्टर की संख्या लगभग 450 के आस पास है. पूरे उद्योग का व्यापार कोरोना वायरस के चलते 50 प्रतिशत तक गिर गया है. पहले 450 विमानों में से लगभग 50 प्रतिशत एक समय पर उड़ान भरते थे. अब इस संख्या का भी 50 प्रतिशत नुकसान कोरोना वायरस के चलते हो चुका है.


हेलीकॉप्टर सेवा मुख्य तौर पर मेडिकल फ्लाइंग और तीर्थ स्थल भ्रमण के लिए उपयोग में आती है. मेडिकल फ्लाइंग तो जारी है लेकिन, तीर्थ भ्रमण वाली फ्लाइंग पूरी तरह से लगभग बंद हो गयी है. ऐसे में हेलीकॉप्टर सर्विस देने वाली कंपनियों को तो समझ ही नहीं आ रहा कि किस तरह से काम करें. उनके सामने बहुत बड़ा संकट खड़ा हो गया है.


फिलहाल, इस क्षेत्र में 98 कंपनियां हैं. लेकिन, अगर हालात यही रहे तो कंपनियों की संख्या कम हो जाएगी. हमारी सरकार से मांग है कि इस समय पर एविएशन सेक्टर की मदद की जाए. इस समय पर एविएशन में मुनाफे की बात तो छोड़ ही दीजिये. कारोबार को बचाये रखने के लिए भी सरकार से पैकेज की जरूरत है. अगर हालात ऐसे ही रहे तो अप्रैल अंत तक कंपनियां बंद होनी शुरू हो जाएंगी.


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