Delhi High Court On Defmation Case: दिल्ली हाई कोर्ट ने सोमवार (01 जुलाई) को पूर्व राजनयिक लक्ष्मी पुरी की ओर से दायर मानहानि मामले में तृणमूल कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद साकेत गोखले को 50 लाख रुपये का हर्जाना देने का निर्देश दिया. अदालत ने अतिरिक्त निर्देश भी जारी किए, जिसमें सोशल मीडिया पर सार्वजनिक माफी के लिए भी कहा गया है, जो कम से कम छह महीने तक साकेत के सोशल मीडिया हैंडल पर रहना चाहिए.


अदालत ने साकेत गोखले को एक प्रमुख राष्ट्रीय समाचार पत्र में अपना माफीनामा प्रकाशित करने का भी आदेश दिया, साथ ही कहा कि आदेश का पालन आठ सप्ताह के भीतर किया जाना चाहिए. साकेत गोखले ने 13 और 26 जून 2021 को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किए गए थे, जिसके बाद यह मामला अदालत तक पहुंचा. दरअसल, इन पोस्ट्स में गोखले ने आरोप लगाया कि लक्ष्मी पुरी ने स्विट्जरलैंड में अपनी आय से अधिक संपत्ति खरीदी है. 


साकेत गोखले पर क्या लगा था आरोप?


कैबिनेट मंत्री हरदीप सिंह पुरी की पत्नी लक्ष्मी मुर्देश्वर पुरी की ओर से करंजा वाला एंड कंपनी ने दिल्ली हाई कोर्ट में इस मामले में हर्जाने की मांग करते हुए एक मुकदमा दायर किया था. यह मानहानि का मुकदमा था, जिसमें जिक्र है कि साकेत गोखले ने लक्ष्मी पुरी के खिलाफ अपमानजनक ट्वीट और पोस्ट सोशल मीडिया पर प्रकाशित किए थे.


इस मामले में लगातार अदालत के सामने अनुपस्थित रहने की वजह से साकेत गोखले के खिलाफ कार्यवाही के निर्देश दिए गए थे. इस पूरे मामले में अदालत की तरफ से सोमवार को फैसला सुनाया गया.


साकेत गोखले पर यह आरोप लगाया गया कि उनके सोशल मीडिया पर प्रकाशित बयानों की वजह से लक्ष्मी पुरी की छवि को नुकसान पहुंचा है. ऐसे में अदालत ने इस मामले में साकेत गोखले को माफी मांगने का निर्देश दिया है. इस माफीनामे को एक समाचार पत्र में प्रकाशित किया जाएगा. इसके अलावा साकेत गोखले के सोशल मीडिया एक्स हैंडल पर भी माफी लिखी जाएगी, जिसे 6 महीने की अवधि तक रखा जाएगा.


2021 में दायर किया था मुकदमा


इसके साथ ही साकेत गोखले पर लक्ष्मी पुरी के खिलाफ अपमानजनक सामग्री प्रकाशित करने पर भी रोक लगा दी गई है. वहीं, लक्ष्मी पुरी की छवि को हुए नुकसान के लिए साकेत गोखले को 50 लाख रुपए का हर्जाना भरने का आदेश दिया गया है.


साल 2021 में दायर मुकदमे में लक्ष्मी पुरी ने साकेत गोखले पर उनके और उनके परिवार के खिलाफ "झूठे और गलत तथ्यों को रखने, अपमानजनक और निंदनीय बयान देने का आरोप" लगाया. उन्होंने तर्क दिया कि उनकी आय के बारे में साकेत गोखले के दावे निराधार थे.


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