वक्फ बिल पर जेपीसी को लेकर एआईयूडीएफ प्रमुख बदरुद्दीन अजमल का कहना है कि देशभर में कई ऐसे सार्वजनिक स्थल हैं, जो वक्फ बोर्ड की संपत्ति पर बसे हैं. उन्होंने कहा, "दुनिया भर के सामने वक्फ संपत्तियों की एक सूची सामने है. संसद भवन के आसपास के क्षेत्र, वसंत विहार के आसपास के क्षेत्र, हवाई अड्डे तक वक्फ संपत्ति पर बनाए गए हैं. लोगों का यह भी कहना है कि एयरपोर्ट वक्फ की संपत्ति पर बनाया गया है. यह बुरा है, वे (जिम्मेदार नेता) इस वक्फ बोर्ड के मुद्दे पर बहुत जल्द मंत्रालय खो देंगे."


अजमल ने यह भी कहा कि जमीयत उलेमा-ए-हिंद असम में वक्फ बोर्ड की जमीनों का सर्वेक्षण करेगी, ताकि इस बिल को चुनौती दी जा सके. उन्होंने दावा किया कि नई संसद की इमारत वक्फ की जमीन पर बनी है. वक्फ बिल को लेकर कानूनी लड़ाई जारी रहेगी. 






विपक्षी सांसदों ने जेपीसी का किया था बहिष्कार


विपक्षी सांसदों का कहना था कि समिति की कार्यवाही नियमों और प्रक्रियाओं के मुताबिक नहीं की जा रही है. कांग्रेस के गौरव गोगोई और इमरान मसूद, डीएमके के एराजा, शिव सेना (यूबीटी) के अरविंद सावंत, एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी, समाजवादी पार्टी के मोहिबुल्लाह और आम आदमी पार्टी के संजय सिंह उन नेताओं में शामिल थे जिन्होंने इस बैठक का विरोध किया था.


मल्लिकार्जुन खरगे पर लगा वक्फ संपत्ति कब्जाने का आरोप


कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे पर सोमवार को वक्फ बिल पर आयोजित जेपीसी की बैठक के दौरान वक्फ संपत्ति हड़पने का आरोप लगाया गया था. इस पर नाराज विपक्षी सांसदों ने बैठक का बहिष्कार कर दिया थी. इसके साथ ही स्पीकर को चिट्ठी लिखकर कमेटी के चेयरपर्सन जगदंबिका पाल को हटाने की मांग की थी.


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