Assam Child Marriage: असम में मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा के एलान के बाद राज्य पुलिस ने बाल विवाह के खिलाफ मुहिम छेड़ दी है. पुलिस ने बीते 24 घंटे में बाल विवाह के मामले में 2044 लोगों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार होने वालों में दूल्हे और उसके परिवार के लोगों के साथ ही शादी कराने वाले पंडित और मौलवी भी शामिल हैं. इसे बाल विवाह के खिलाफ राज्य में अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई कहा जा रहा है. ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF) के चीफ, मौलाना बदरुद्दीन अजमल ने इस कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं.


सांसद बदरुद्दीन अजमल ने पुलिस की इस पूरी कार्रवाई पर सवाल खड़े करते हुए इसे मुस्लिम विरोधी बताया. एआईयूडीएफ नेता ने कहा, "शादी ब्याह 18 साल से पहले नहीं हो. हम भी इसके पक्ष में हैं, लेकिन ये तरीका नहीं है जो सरकार कर रही है. ये बिल्कुल मुस्लिम मुखालिफ है." उन्होंने यह भी कहा कि इसके तहत गिरफ्तार लोगों में 90 फीसदी मुसलमान ही होंगे.


'चुनाव के लिए कर रही बीजेपी'
मीडिया से बातचीत में उन्होंने बीजेपी पर धर्म के आधार पर बंटवारा करने का आरोप लगाया. अजमल ने कहा, ''इलेक्शन सामने आ रहा है. बीजेपी शासित जितने राज्य हैं, उन सबमें कुछ न कुछ गुल खिलाए जाएंगे. हिंदू मुस्लिम में बंटवारा करने की कोशिश की जाएगी.'' उन्होंने आगे कहा कि हम खुद इसके खिलाफ हैं कि 18 साल के पहले शादी न हो लेकिन इसके लिए आप लोगों को जिंदगी भर के लिए जेल में डाल देंगे. ये मुनासिब नहीं है.


अजमल ने कहा कि पहले सबको समझाइए. उन्होंने सवाल किया कि सरकार ने पहले जागरूकता अभियान क्यों नहीं शुरू किया? सीधे जेल भरो क्यों शुरू कर दिया. अजमल ने कहा कि हमारे सीएम कभी-कभी ख्वाब देखते हैं कि बहुत दिन हो गए मुसलमानों को नहीं सताया. फिर वह जागते हैं और नई-नई योजनाएं बनाते हैं.


क्या है पूरा मामला?
23 जनवरी को मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के नेतृत्व में असम कैबिनेट ने बाल विवाह के खिलाफ कार्रवाई करने को लेकर फैसला लिया था. सीएम सरमा ने बाल विवाह को जघन्य और अक्षम्य अपराध बताते हुए इसके खिलाफ कार्रवाई की बात कही थी. इसके साथ ही एक बड़ा बदलाव कानून में यह भी किया गया था कि 14 साल से कम उम्र में लड़की की शादी करने के मामले पॉक्सो (Protection of Children from Sexual Offences-POCSO) एक्ट लगाने को मंजूरी दी गई.


कैबिनेट फैसले के 1 पखवाड़े के भीतर पुलिस ने बाल विवाह के 4004 केस दर्ज किए जिनमें 8000 लोगों को आरोपी बनाया गया. बीते दो दिनों से पुलिस ने इन मामलों में गिरफ्तारी को लेकर बड़ा अभियान शुरू किया और 2044 लोगों को गिरफ्तार किया. गिरफ्तार आरोपियों में 52 पुजारी और मौलवी भी शामिल हैं.


महिलाएं भी कर रहीं विरोध
बाल विवाह के खिलाफ असम पुलिस की कार्रवाई का महिलाएं भी विरोध कर रही हैं. पीटीआई से एक महिला ने कहा कि केवल पुरुषों को ही क्यों गिरफ्तार किया जा रहा है? हमारे बच्चे और हम किस तरह से जीवनयापन करेंगे? हमारे पास आय का कोई जरिया नहीं है.


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