(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
World Bank New President: भारतीय मूल के अजय बंगा वर्ल्ड बैंक के अगले अध्यक्ष होंगे, 2 जून को संभालेंगे पद
Ajay Banga News: विश्व बैंक के कार्यकारी निदेशकों ने अजय बंगा को पांच साल के लिए अध्यक्ष चुन लिया है. उनका कार्यकाल दो जून, 2023 से शुरू होगा.
World Bank President Ajay Banga: भारतीय मूल के अजय बंगा (Ajay Banga) विश्व बैंक के अगले अध्यक्ष होंगे. विश्व बैंक के 25-सदस्यीय कार्यकारी बोर्ड ने बुधवार (3 मई) को अजय बंगा को अध्यक्ष के रूप में पांच साल के कार्यकाल के लिए चुना, जो 2 जून से प्रभावी होगा. विश्व बैंक को हेड करने वाले अजय बंगा पहले भारतीय-अमेरिकी और अमेरिकी सिख समुदाय से आने वाले शख्स होंगे.
अजय बंगा की नियुक्ति के बाद बैंक ने एक बयान में कहा कि निदेशक मंडल को बंगा के साथ मिलकर विश्व बैंक समूह विकास प्रक्रिया पर काम करने का इंतजार है. अप्रैल में संपन्न बैठक में इस विकास प्रक्रिया पर सहमति बनी थी. इसके अलावा विकासशील देशों के समक्ष मौजूद मुश्किल विकास चुनौतियों से निपटने के प्रयासों पर भी मिलकर काम करना है.
जो बाइडेन ने की थी तारीफ
अजय बंगा विश्व बैंक के वर्तमान अध्यक्ष डेविड मलपास की जगह लेंगे. बंगा (63) को फरवरी के अंत में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की ओर से इस पद के लिए नामित किया गया था. बाइडेन ने कहा था कि अजय बंगा इस ग्लोबल संस्था को लीड करने के लिए सबसे उपयुक्त व्यक्ति हैं. मास्टरकार्ड इंक के पूर्व प्रमुख बंगा इस समय जनरल अटलांटिक के वाइस चेयरमैन के रूप में कार्यरत हैं.
जानिए अजय बंगा के बारे में
बंगा का जन्म भारत में हुआ था. वे 2007 से अमेरिकी नागरिक हैं. बंगा ने आईआईएम, अहमदाबाद से एमबीए की डिग्री हासिल करने से पहले दिल्ली के सेंट स्टीफंस कॉलेज से अर्थशास्त्र में स्नातक की डिग्री पूरी की. उन्होंने भारत में नेस्ले के साथ अपना करियर शुरू किया और फिर सिटीग्रुप के साथ काम किया. 2016 में, भारत सरकार ने उन्हें चौथे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार, पद्मश्री से सम्मानित किया था.
नामांकन के बाद कई देशों की यात्रा की
इस पद के लिए नामांकन के बाद से बंगा ने 96 सरकारों के अधिकारियों से मुलाकात की है. उन्होंने सरकारी अधिकारियों, बिजनेसमैन और सिविल सोसायटी ग्रुप से मिलने के लिए तीन सप्ताह के दौरान आठ देशों की यात्रा की. वह दुनिया के शीर्ष वित्तीय संस्थानों- विश्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) में से किसी की भी कमान संभालने वाले भारतीय मूल के पहले व्यक्ति हैं. विश्व युद्ध-2 के अंत में इसकी स्थापना के बाद से विश्व बैंक का नेतृत्व एक अमेरिकी की ओर से किया गया है, जबकि अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष का नेतृत्व एक यूरोपीय ने किया है.
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