Rajasthan Political Crisis: राजस्थान के घटनाक्रम को लेकर प्रभारी अजय माकन और पर्यवेक्षक मल्लिकार्जुन खड़गे ने मंगलवार (27 सितंबर) को सोनिया गांधी को रिपोर्ट सौंप दी है. सूत्रों के हवाले से पता चला है कि अनुशासनहीनता के मामले में मंत्री शांति धारीवाल के घर विधायकों की बैठक बुलाने वाले मंत्रियों पर कार्रवाई की सिफारिश की गई है. अजय माकन और पर्यवेक्षक मल्लिकार्जुन खड़गे ने जयपुर से लौटने के बाद सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की थी. इस दौरान कांग्रेस अध्यक्ष ने दोनों नेताओं से लिखित रिपोर्ट मांगी थी.


सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट में अनुशासहीनता के लिए राजस्थान विधानसभा में कांग्रेस के मुख्य सचेतक महेश जोशी समेत तीन नेताओं के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की अनुशंसा की गई. कांग्रेस पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट समानांतर बैठक आयोजित करने वाले राजस्थान के विधायकों की ओर से 'घोर अनुशासनहीनता' की ओर इशारा करती है.


अशोक गहलोत पर सीधे कोई आरोप नहीं


सूत्रों के मुताबिक, नौ पन्नों की इस रिपोर्ट में अशोक गहलोत पर सीधे कोई आरोप नहीं है, लेकिन गहलोत के करीबियों पर कार्रवाई की सिफारिश की गई है. दरअसल, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव में उतरने के एलान के बाद राजस्थान में सीएम को बदलने को लेकर अटकलें लगाई जा रही थीं. इस मुद्दे को लेकर रविवार को मुख्यमंत्री आवास पर कांग्रेस विधायक दल की बैठक भी बुलाई गई थी. 


गहलोत के करीबी शांति धारीवाल के हुई थी बैठक


इस बैठक के लिए कांग्रेस ने राजस्थान प्रभारी अजय माकन और पर्यवेक्षक मल्लिकार्जुन खड़गे को जयपुर भेजा था. विधायक दल की बैठक से पहले ही गहलोत के करीबी शांति धारीवाल के घर पर विधायकों की बैठक हुई थी. इस बैठक के बाद गहलोत समर्थक कई विधायक इस्तीफा देने के लिए स्पीकर सीपी जोशी के निवास पर पहुंचे थे. मंत्री शांति धारीवाल के घर हुई इस मीटिंग के कारण विधायक दल की बैठक रद्द कर दी गई थी. इसके बाद मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन भी दिल्ली लौट गए थे. 


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