नई दिल्ली: राजस्थान में गहलोत सरकार के विश्वास मत जीतने के दो दिन के अंदर कांग्रेस आलाकमान ने सचिन पायलट की एक बड़ी मांग मानते हुए प्रभारी अविनाश पांडे को हटा दिया है. उनकी जगह पूर्व केंद्रीय मंत्री और राहुल गांधी के भरोसेमंद अजय माकन को महासचिव बना कर राजस्थान का प्रभार दिया गया है. लगभग पांच सालों के अंतराल के बाद अजय माकन की कांग्रेस के केंद्रीय पदाधिकारी के तौर पर वापसी हुई है. अविनाश पांडे की छवि अशोक गहलोत के करीबी की बन गई थी. घर वापसी के समझौते में सचिन पायलट ने उन्हें हटाने की मांग रखी थी.


इसके साथ ही कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने राजस्थान का मामला सुलझाने के लिए पूर्व में की गई घोषणा के मुताबिक तीन नेताओं की उच्चस्तरीय कमेटी का गठन भी कर दिया है. वरिष्ठ नेता अहमद पटेल, कांग्रेस के संगठन महासचिव के.सी. वेणुगोपाल और राज्य के नए प्रभारी अजय माकन इस कमेटी के सदस्य बनाए गए हैं. इस कमिटी के सामने पायलट गुट की शिकायतों का समाधान निकालने की चुनौती है.



नए प्रभारी अजय माकन, पायलट की बगावत के बाद बतौर पर्यवेक्षक करीब एक महीना राजस्थान में पार्टी के विधायकों के साथ रह कर उन्हें एकजुट रखने का प्रयास कर कर रहे थे और साथ ही पायलट को मनाने की कोशिश भी कर रहे थे. मामला फिलहाल भले सुलझ गया है लेकिन गहलोत और पायलट को साथ लेकर चलने की चुनौती माकन के सामने बरकरार रहेगी. माकन के पास संगठन और सरकार का अच्छा खासा अनुभव है और इसके अलावा उनकी छवि सुलझे हुए विनम्र नेता की है.



जुलाई के दूसरे हफ्ते की शुरुआत में सचिन पायलट ने अपने साथ डेढ़ दर्जन कांग्रेस विधायकों के साथ अशोक गहलोत के खिलाफ बगावत कर दी थी और राजस्थान के बाहर गुप्त ठिकाने पर अंडरग्राउंड हो गए थे. सरकार पर खतरा मंडराता देख गहलोत ने बाकी बचे विधायकों को इकट्ठा किया और फिर शुरू हुआ शह मात का खेल. अनुरोध के बावजूद विधायक दल की बैठक में ना पहुंचने पर पायलट को प्रदेश अध्यक्ष और उप मुख्यमंत्री के पद से हटा दिया गया.



बागी विधायकों को सदस्यता रद्द करने का नोटिस जारी किया गया जिसे पायलट ने हाई कोर्ट में चुनौती दी. इस दौरान गहलोत की तरफ से आरोप लगाए कि पायलट बीजेपी के साथ मिलकर सरकार गिराने की साजिश कर रहे हैं. बहरहाल विधानसभा की तारीख नजदीक आते ही सचिन पायलट ने कांग्रेस आलाकमान से बात और मुलाकात कर अपनी सम्मानजनक वापसी का फार्मूला तय कर लिया. आलाकमान ने सचिन को भरोसा दिया था कि उनकी शिकायतें भी सुनी जाएंगी. सचिन की घर वापसी हो गई और गहलोत ने विधानसभा में ध्वनिमत से बहुमत साबित कर दिया.


सचिन पायलट ने प्रियंका गांधी और अहमद पटेल के सामने अविनाश पांडे को हटाने की मांग रखी थी जिस पर कार्रवाई कर दी गई है. सचिन की शिकायतों के समाधान के लिए कमेटी भी बना दी गई है. इस पूरे विवाद में अजय माकन और रणदीप सुरजेवाला को पर्यवेक्षक बना कर राजस्थान भेजा गया था. हैप्पी इंडिंग का तोहफा अजय माकन को मिला.


ये भी पढ़ें:


लखीमपुर खीरी: 12 साल की बच्ची के साथ हैवानियत की इंतेहा, गला दबाकर मासूम की आंखे फोड़ीं 


जल्द शुरू होगा संसद का मानसून सत्र, दोनों सदनों में बदलावों के साथ तैयारी अंतिम पड़ाव पर