Ajit Doval: भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल एलएसी और अन्य द्विपक्षीय मुद्दों पर बातचीत करने के लिए 17 दिंसबर को चीन के दौरे पर जाएंगे. इस दौरान वो 2 से 3 दिन तक चीन में ही रहेंगे.


इस दौरान उनकी मुलाकात चीन के विदेश मंत्री वांग यी से हो सकती है. जानकारी के अनुसार, यह बैठक भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर समाधान खोजने के लिए विशेष प्रतिनिधि वार्ता के रूप में आयोजित की जाएगी.


जानें क्या है इस यात्रा का उद्देश्य


इस यात्रा का उद्देश्य पूर्वी लद्दाख में डेमचोक और देपसांग क्षेत्र से दोनों देशों की सेनाओं के सफलतापूर्वक डिसइंगेजमेंट के बाद एक समाधान खोजना है. गलवान संघर्ष के बाद यह पहली विशेष प्रतिनिधि वार्ता होगी. इसी तरह की आखिरी बैठक पांच साल पहले दिसंबर 2019 में हुई थी. 


बफर जोन बनाने पर भी हो सकती है बात


आज तक की रिपोर्ट के अनुसार, इस वार्ता में आगे की बातचीत के लिए संभावनाएं तलाशी जाएंगी. इस दौरान बफर जोन बनाने पर भी बात हो सकती है. जिसके बाद कोर कमांडर स्तर की बैठक हो सकती है. इसमें दोनों देश सीमा पर स्थिति की अधिक स्थिरता और स्पष्टता को लेकर बात कर सकते हैं. 


वर्किंग मैकेनिज्म फॉर कंसल्टेशन एंड कोऑर्डिनेशन (WMCC) बैठक के दौरान बनी आपसी सहमति से यह वार्ता होगी. दोनों ही देश इस समय स्थायी समाधान की खोज कर रहे हैं क्योंकि एलएसी पर तनाव की वजह से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध काफी खराब हुए हैं.


चीन के साथ संबंध को लेकर विदेश मंत्र ने कही थी ये बात


इससे पहले विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने रविवार (15 दिसंबर) को कहा कि भारत और चीन दोनों के हित में है कि वे एक संतुलन कायम करें. ये संतुलन दोनों देशों के लिए फायदेमंद हो सकता है, लेकिन इसकी प्राप्ति आसान नहीं है.जयशंकर ने बताया कि फिलहाल दोनों देशों को अल्पकालिक उपायों से जूझना पड़ रहा है. उनका कहना था कि इस समय तनाव को कम करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा जो वर्तमान स्थिति में एक प्राथमिकता है.