मुंबई: महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे सरकार ने मंत्रिमंडल का विस्तार तो कर दिया है लेकिन अभी भी यहां मंत्रियों को विभागों के बंटवारे को लेकर पेंच फंसा हुआ है. विभागों के बंटवारे को लेकर अभी कोई समाधान भी निकलता नहीं दिख रहा है. इसी मसले पर चर्चा के दौरान बुधवार को अजित पवार और अशोक चव्हाण के बीच मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के सामने कहासुनी हुई. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक बुधवार को मुख्यमंत्री के साथ हुई बैठक के दौरान अजित पवार और अशोक चव्हाण के बीच दो मंत्रालय- कृषि और ग्रामविकास को लेकर बहस हुई.


दरअसल, अशोक चव्हाण ने इस मीटिंग में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से कांग्रेस को दो मंत्रालय कृषि और ग्रामविकास को देने की मांग की. इस पर अजित पवार ने पृथ्वीराज चव्हाण का जिक्र किया. उनका नाम सुनते ही अशोक चव्हाण नाराज हो गए. अशोक चव्हाण ने कहा कथित तौर पर कहा कि मैं मंत्रीमंडल का हिस्सा हूं, राज्य का पूर्व मुख्यमंत्री रह चुका हूं और कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष भी था. इसके बाद उन्होंने कथित तौर पर कहा कि जो यहां मौजूद हैं उनके बारे में और उनके साथ ही बातचीत करें.


अशोक चव्हाण के इस जवाब पर अजित पवार ने कहा आप लोग पहले बाहर जाकर ये तय करें कि आपका नेता आख़िर कौन हैं. अजित पवार ने कहा कि जिसका नाम आप बताएंगे उन्हीं से हम लोग बात करेंगे, लेकिन एक बात है कि पृथ्वीराज चव्हाण बड़े संयमी नेता है. अजित पवार की ये बात सुनकर अशोक चव्हाण बैठक से ग़ुस्से में निकल गए. इस प्रकार मंत्रालय बंटवारे को लेकर हुई ये बैठक बेनतीजा रही.


कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष बालासाहेब थोरात को पहले ही रेवेन्यू देने का आश्वासन दिया गया था, लेकिन अब पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण भी इस मंत्रालय के लिए ज़ोरदार लॉबिंग कर रहे हैं. ऐसे में दोनों के बीच का ये संघर्ष कांग्रेस आलाकमान के लिए सिरदर्द बन गया है. अब कहा ये जा रहा है कि इस बात को सुलझाने के लिए कांग्रेस-शिवसेना से कृषि मंत्रालय मांगने जा रही है ताकि अशोक चव्हाण को कृषि मंत्रालय दिया जाए. लेकिन फ़िलहाल शिवसेना ये देने के लिए राज़ी नहीं है. इसके अलावा कांग्रेस ग्रामविकास मंत्रालय पर भी दावा कर रही है जिससे शिवसेना-एनसीपी के नेता नाराज बताए जा रहे है.


नए मंत्रालय का हो सकता है गठन


अधिक नेताओं की दावेदारी की वजह से उद्धव ठाकरे सरकार नए मंत्रालय का गठन कर सकती है. खबरों के मुताबिक मेट्रो, तीर्थ विकास, कॉमर्स मंत्रालय बनाने को लेकर सरकार विचार कर रही है. राज्य में लोगों के तीर्थ से काफी मात्रा में राजस्व की प्राप्ति होती है. यहां केंद्र की तरह कॉमर्स मिनिस्ट्री बनाने पर भी विचार किया जा रहा है. वहीं, राज्य में बढ़ते मेट्रो प्रोजेक्ट को ध्यान में रखते हुए एक अलग मंत्रालय बनाने पर विचार किया जा रहा है.