Battle for NCP: अजित पवार गुट ने कैविएट दाखिल किया, सुप्रीम कोर्ट पहुंची NCP के नाम और चुनाव चिन्ह की लड़ाई
Fight For Real NCP: मंगलवार को चुनाव आयोग ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह अजित पवार गुट को सौंपने का फैसला सुनाया था. इसके बाद शरद पवार गुट सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में था.
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Fight For Real NCP: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के चुनाव चिन्ह और दल के नाम की लड़ाई अब सुप्रीम कोर्ट की चौखट पर पहुंच गई है. अजित पवार गुट ने सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दायर की है. इसी के साथ उन्होंने सुनवाई की मांग की है कि क्या शरद पवार गुट असली NCP घोषित किए जाने वाले चुनाव आयोग के आदेश को चुनौती दे रहा है. चुनाव आयोग के फैसले के बाद राजनीतिक हलकों में चर्चा थी कि आज यानी बुधवार को शरद पवार चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख कर सकते हैं. हालांकि उनसे पहले ही अजित पवार गुट सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया और कैविएट दाखिल भी कर दिया.
चुनाव आयोग ने अजित पवार को दिया था 'घड़ी चिन्ह' और NCP नाम
मंगलवार को चुनाव आयोग ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) का नाम और चुनाव चिन्ह 'घड़ी' अजित पवार गुट को सौंपने का फैसला सुनाया था. अजित पवार ने NCP के एक धड़े को तोड़कर महाराष्ट्र में सरकार बना ली थी. हालांकि इसका पुराना धड़ा ये दावा करता रहा था कि शरद पवार गुट की पार्टी ही असली NCP है. हालांकि चुनाव आयोग का फैसला अजित पवार के पक्ष में गया. चुनाव आयोग के फैसले की आलोचना करते हुए शरद पवार गुट के नेताओं ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की बात भी कही थी.
Ajit Pawar faction files caveat in SC, seeks hearing if Sharad Pawar group challenges EC order declaring the former real NCP
— Press Trust of India (@PTI_News) February 7, 2024
NCP को उसके संस्थापक शरद पवार से छीन लिया- सुप्रिय सुले
शरद पवार गुट की नेता सुप्रिया सुले ने चुनाव आयोग के फैसले के बाद कहा था कि यह लोकतंत्र की हत्या है, क्योंकि चुनाव आयोग ने विधायकों की संख्या के आधार पर अपना फैसला सुनाया है, मगर इसके पीछे 'अदृश्य शक्ति' की मौजूदगी है. उन्होंने कहा, “हम चुनाव आयोग के फैसले से बिल्कुल भी हैरान नहीं हैं. इसने अन्यायपूर्वक पार्टी NCP को उसके संस्थापक शरद पवार से छीन लिया है. हम न्याय पाने के लिए चुनाव आयोग के फैसले को पूरी ताकत के साथ सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे. शरद पवार गुट के एक और नेता जयंत पाटिल ने मंगलवार को कहा था कि उनका गुट इस फैसले को बुधवार की शाम तक शीर्ष अदालत यानी सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगा.
'शरद पवार ने बनाई NCP, चुनाव आयोग ने उनके साथ किया अन्याय'
पाटिल का कहना था, ''शरद पवार जहां भी जाते हैं, NCP उनके साथ जाती है. यह फैसला सही नहीं है. चुनाव आयोग का फैसला शीर्ष अदालत में नहीं टिकेगा, हमें स्थगन मिलने का भरोसा है.'' उन्होंने कहा कि 25 साल पहले शरद पवार ने NCP का गठन किया था और 28 राज्यों में अपनी मौजूदगी से अब यह राष्ट्रीय पार्टी बन गई है. पाटिल ने कहा, 'हालांकि, फैसला केवल विधायकों की संख्या के आधार पर लिया गया है, जो हमारे और शरद पवार के साथ सरासर अन्याय है. हम शीर्ष अदालत का रुख कर रहे हैं और उम्मीद करते हैं कि लोकसभा चुनाव की घोषणा से पहले उसका फैसला आ जाएगा.'
6 महीने और 10 सुनवाई के अजित पवार की हुई NCP और घड़ी
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी पिछले साल यानी जुलाई 2022 में ही विभाजित हो गई थी. तब पार्टी के कद्दावर नेता अजित पवार के नेतृत्व में NCP का एक धड़ा महाराष्ट्र की सत्ता में काबिज भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना के गठबंधन की सरकार में शामिल हो गया. इस बगावत के बाद NCP में नाम और चुनाव चिन्ह को लेकर लड़ाई शुरू हुई. इसको लेकर लगभग 6 महीने से ज्यादा समय तक चुनाव आयोग में सुनवाई चली और 10 सुनवाई के बाद इसका फैसला आया, जिसमें अजित पवार गुट को ही असली NCP माना गया.
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