मुंबई: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से पहले पवार की पार्टी एनसीपी में कुछ भी अच्छा नहीं चल रहा. बैंक घोटाले में शरद पवार का नाम आने के बाद उनके भतीजे अजित पवार ने कल विधानसभा से इस्तीफा दे दिया था. विधायक पद से इस्तीफे के बाद आज जब अजित पवार प्रेस कॉन्फ्रेंस लिए सामने आए तो खुद पर लगे आरोपों पर सफाई देते-देते भावुक हो गए. अजित पवार ने कहा कि बैंक घोटले में मेरे नाम की वजह से शरद पवार का नाम आया, ये देखकर मैं बहुत दुखी हूं. उन्होंने कहा कि इस केस में पिछले पांच साल से मेरे खिलाफ जांच चल रही है और पता नहीं ये कब तक चलेगी.
अजित पवार ने मीडिया से कहा, ''शरद पवार का इस बैंक से कोई संबंध नहीं है, मुझे लगता है कि उनका इसलिए खींचा गया क्योंकि मैं उनका रिश्तेदार हूं. मेरी वजह से शरद पवार और एनसीपी का नाम बदलान हो रहा है. यही कारण है कि मैंने उनसे (शरद पवार) से पूछे बिना इस्तीफा दे दिया. मैं बिना पूछे इस्तीफा दिया, इससे मेरे शुभचिंतकों को दुःख हुआ इसके लिए मैं माफी मांगता हूं.''
अजित पवार ने कहा, ''हम सभी महाराष्ट्र राज्य कॉपरेटिव बैंक में डायरेक्टर थे. नई कमेटी निर्विरोध चुनकर आई. इस मामले में 1088 करोड़ रुपए को अनियमितता की बात सदन में कही गई थी. जिस बैंक में 11500 करोड़ का सेविंग है उसमें 25000 करोड़ का भ्रस्टाचार कैसे हो सकता है. सरकार अपना विशेषाधिकार का उपयोग कर एनपीए घोषित संस्थाओं की मदद करती है. हाल ही में देवेंद्र फडनविस सरकार ने भी 4 सहकारी संस्थाओं को इस प्रकार मदद की. कई बार तय तरीके से हटकर मदद करनी पड़ती है, यह अधिकार है और हमने भी यही किया.''
चुनावी माहौल में शरद पवार को मिला शिवसेना का साथ
उधर, भ्रष्टाचार के केस में शरद पवार पर ईडी के एक्शन पर शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे से सवाल उठाए हैं. उद्धव ने कहा कि ऐसे हालात बाला साहेब के समय भी आए थे लेकिन कोर्ट में केस बंद हो गया था. उद्धव ठाकरे ने शरद पवार के केस पर कहा कि वह कोर्ट से जल्द बरी हो जाएंगे क्योंकि उन्हें फंसाया जा रहा है. ऐसे हालात बालासाहब के समय भी आए थे लेकिन कोर्ट में केस बंद हुआ.
बता दें कि राज्य की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) की शिकायत के आधार पर मुंबई पुलिस ने पिछले महीने ही एक केस दर्ज किया था. इसी आधार पर ईडी ने भी शरद पवार और अजीत पवार सहित कई नेताओं पर मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया है.