Maharashtra Political Crisis: महाराष्ट्र की सियासत में जिस भूचाल के आने की आशंका जताई जा रही थी, आखिरकार वो आ ही गया. शरद पवार की पार्टी एनसीपी टूट गई और अब उनके आधे विधायक बीजेपी-शिंदे सरकार के साथ जुड़ चुके हैं. पिछले लंबे समय से चल रही इस खींचतान में आखिरकार अजित पवार ने वो कर दिया, जिसका वो इंतजार कर रहे थे. फिलहाल अजित पवार को डिप्टी सीएम का पद दे दिया गया है. हालांकि ये पूरा खेल 90 मिनट में ही खेला गया, अजित पवार की बगावत की खबर सामने आने के बाद अगले 90 मिनट में पूरा सियासी खेल पलट गया और पूरी तस्वीर साफ हो गई. 


तेजी से बदल गया पूरा खेल
महाराष्ट्र का पावर गेम बदलने वाली स्टोरी का पहला पन्ना दोपहर डेढ़ बजे खुला. खबर आई कि अजित पवार एकनाथ शिंदे की सरकार में शामिल हो सकते हैं. इसके बाद अटकलों का दौर रफ्तार पकड़ता, उससे पहले ही पूरा कन्फ्यूजन दूर हो गया. दोपहर के 2 बजते-बजते राजभवन तैयार हो चुका था. मंच सज चुका था और अजित पवार अपने समर्थक विधायकों के साथ राजभवन पहुंच चुके थे.


बागियों को मिले मंत्रिपद
राजभवन में सीएम एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस के साथ मंच साझा किया और मंत्री पद के लिए बारी-बारी से शपथ का सिलसिला शुरू हो गया. अजित पवार महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम बनाए गए और छगन भुजबल, दिलीप वलसे पाटिल, हसन मुश्रीफ, धनंजय मुंडे, धर्मराव आत्राम, अदिति तटकरे और संजय बनसोडे के अलावा अनिल पाटिल मंत्री बना दिए गए.


इनमें से छगन भुजबल 32 साल से शरद पवार के भरोसेमंद थे और दिलीप वलसे पाटिल की 5 जून वाली वो तस्वीर भी आपको याद होगी जब NCP अध्यक्ष पद से पवार के इस्तीफे की बात पर वो फूट-फूटकर रोए थे, लेकिन अब वो महाराष्ट्र में महाअघाड़ी की सबसे मजबूत पार्टी की गाड़ी पलटने वाले अजित पवार के साथ सत्ता में शामिल हो चुके हैं. 


शरद पवार ने कहा- मेरे लिए नई बात नहीं
इससे भड़के शरद पवार भतीजे को बागी बता रहे हैं. बीजेपी को कठघरे में खींचने की कोशिश कर रहे हैं और पार्टी को फिर से मजबूत बनाने का दावा भी कर रहे हैं. इस उलटफेर के बाद शरद पवार ने कहा, "ये कोई नई बात नहीं है. 1980 में मैं जिस पार्टी का नेतृत्व कर रहा था, उसके 58 विधायक थे. बाद में सभी चले गए और केवल 6 विधायक बचे, लेकिन मैंने संख्या बल मजबूत किया और जिन्होंने मुझे छोड़ा, वो अपने निर्वाचन क्षेत्रों में हार गए."


बीजेपी और शिंदे ने किया स्वागत
हालांकि बीजेपी और शिवसेना महाराष्ट्र की सियासत के सबसे सनसनीखेज एपिसोड को एन्जॉय भी कर रही है और हालात के लिए पवार सीनियर को ही जिम्मेदार भी ठहरा रही है. शिवसेना के बागी और सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा कि अजित दादा खुद आए. उनका स्वागत है, जब भी पार्टी में किसी को सेकेंडरी समझा जाता है, तब ऐसी घटनाएं होती हैं. वहीं बीजेपी नेता और प्रवक्ता शाहनवाज़ हुसैन ने कहा कि अजित पवार का बीजेपी के साथ आने से आज यह स्पष्ट हो गया है कि मोदी जी के सबका साथ ,सबका विकास, सबका प्रयास का कार्यक्रम सफल हो रहा है. मोदी जी भारत की छवि को पूरे विश्व में आगे ले जाने का कार्य कर रहे हैं, उन्हीं बातों से प्रभावित होकर अजित जी ने हमारा साथ देने का फैसला किया है.


पांचवीं बार महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम बने अजित पवार ने 22-23 नवंबर, 2019 की आधी रात वाली बगावत के बाद भी यही ओहदा संभाला था, लेकिन तब उन्हें चाचा के चरणों में लौटना पड़ा था. हालांकि इस बार पवार जूनियर ज्यादा कॉन्फिडेंट नजर आ रहे हैं. ये बात उनके नए ट्विटर प्रोफाइल में भी झलक रही है.



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