Ajit Pawar Silenced Party Worker: एनसीपी नेता शरद पवार की ओर से मंगलवार (2 मई) को एनसीपी अध्यक्ष पद से इस्तीफे की घोषणा के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं ने उन्हें मनाने की कोशिश की. एक कार्यकर्ता ने जब शरद पवार से पद पर बने रहने का आग्रह किया तो अजित पवार ने कहा, ''अरे चुप बैठ न.'' इस घटना का वीडियो वायरल हो रहा है. 


वीडियो में शरद पवार नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच बैठे नजर आ रहे हैं. एक कार्यकर्ता हाथ जोड़कर शरद पवार से कहता हुआ दिख रहा है, ''साहब हमको सत्ता नहीं, कुछ नहीं, सिर्फ आपकी ऊर्जा चाहिए साहब बस.'' कार्यकर्ता के इतना कहने पर वहां मौजूद एनसीपी नेता अजित पवार बोल उठे, ''अरे चुप बैठ न, समझ में आया न.''






फैसले पर विचार करने के लिए मांगा समय


82 वर्षीय शरद पवार ने मुंबई में यशवंतराव चव्हाण प्रतिष्ठान में अपनी आत्मकथा के संशोधित संस्करण के विमोचन के अवसर पर एनसीपी अध्यक्ष पद छोड़ने का एलान किया. हालांकि, दिन के बाद के घटनाक्रम में यह जानकारी सामने आई कि शरद पवार ने अपने फैसले पर विचार करने के लिए 2-3 दिन का समय मांगा. इस बात की जानकारी शरद पवार के भतीजे और महाराष्ट्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजित पवार ने दी. 


शरद पवार की ओर पार्टी प्रमुख के पद से इस्तीफे की घोषणा अजित पवार के अगले राजनीतिक कदम की अटकलों के बीच की गई. अजित पवार ने पुस्तक के विमाचेन स्थल यशवंतराव चव्हाण प्रतिष्ठान के बाहर पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा, ''उन्होंने (शरद पवार) कहा है कि उन्होंने अपना फैसला कर लिया है, लेकिन आपके आग्रह के कारण उन्हें इस पर सोचने के लिए दो-तीन दिन का समय चाहिए, लेकिन वह इस बारे में तभी सोचेंगे जब सभी कार्यकर्ता घर जाएंगे.''


पुस्तक विमोचन के अवसर पर शरद पवार के अध्यक्ष पद छोड़ने की घोषणा के बाद राकांपा की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष जयंत पाटिल और पार्टी नेता जितेंद्र आव्हाद रो पड़े तथा उनसे फैसला वापस लेने का अनुरोध किया. वहीं, पार्टी सांसद प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि पवार ने अपने इस्तीफे की घोषणा करने से पहले किसी को विश्वास में नहीं लिया. 


क्या कहा शरद पवार ने?


पुस्तक विमोचन के अवसर पर पवार ने कहा कि उनकी राजनीतिक यात्रा एक मई, 1960 को शुरू हुई थी और पिछले 63 वर्ष से अनवरत जारी है. उन्होंने कहा कि इतने वर्षों में उन्होंने विभिन्न पदों पर रहते हुए महाराष्ट्र और देश की सेवा की है. उन्होंने कहा, ‘‘मेरी राज्यसभा की सदस्यता का तीन वर्ष का कार्यकाल शेष है. इस दौरान मैं बिना किसी पद के महाराष्ट्र और देश के मुद्दों पर ध्यान दूंगा. एक मई, 1960 से एक मई, 2023 की लंबी अवधि में एक कदम पीछे लेना जरूरी है. इसलिए, मैंने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का अध्यक्ष पद छोड़ने का फैसला किया है.’’


इसी के साथ शरद पवार ने पार्टी अध्यक्ष पद खाली होने पर इसके लिए चुनाव का फैसला करने के लिए एनसीपी नेताओं की एक समिति बनाने की सिफारिश की. उन्होंने उनके इस्तीफे का विरोध कर रहे भावुक कार्यकर्ताओं से कहा, ‘‘मैं आपके साथ हूं, लेकिन एनसीपी अध्यक्ष के रूप में नहीं.’’ अपने फैसले की घोषणा करने के बाद पवार कार्यक्रम स्थल पर दो घंटे तक रहने के दौरान बमुश्किल बोल पाए. वह एनसीपी नेताओं और कार्यकर्ताओं से घिरे चुपचाप बैठे रहे. उनके बगल में उनकी पत्नी प्रतिभा बैठी थीं. 


1 मई को अध्यक्ष पद छोड़ने वाले थे शरद पवार- अजित


अजित पवार ने कहा कि शरद पवार ने अध्यक्ष पद छोड़ने का फैसला महाराष्ट्र के स्थापना दिवस एक मई को किया था, लेकिन उन्होंने इसे इसलिए टाल दिया क्योंकि सोमवार को एनसीपी, कांग्रेस और शिवसेना के गठबंधन महा विकास आघाड़ी की बैठक निर्धारित थी.


शरद पवार ने यह एलान ऐसे समय किया है जब उन्हें अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले विभिन्न विचारधारा वाले विपक्षी दलों को साथ लाने में अहम भूमिका निभाने वाला माना जा रहा है.


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