नई दिल्ली: ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह के दीवान जैनुल आबेदीन का तीन तलाक़ के मामले पर दिया गया बयान अब तूल पकड़ रहा है. इस मामले पर दीवान के छोटे भाई सैयद अलाउद्दीन चिश्ती ने मंगलवा की शाम दरगाह में आयोजित महफ़िल के दौरान जेनुअल आबेदीन को इस्लाम से ख़ारिज कर दिया. उन्होंने एलान कर दिया की मुफ्तियों की राय में दीवान आबेदीन अब मुस्लमान नहीं रहे. इसलिए वह अपने बाकि परिजनों की सहमति से खुद को दरगाह का अगला दीवान घोषित करते है और यह कहते हुए उन्होंने दीवान की गद्दी हथिया ली.
मुफ़्ती और आलीम-ए-दीन से राय लेने के बाद हुआ फैसला
दीवान के भाई अलाउद्दीन का कहना है कि तीन तलाक के मामले में बयान क़ुरान शरीफ़ के खिलाफ दिया गया बयान है. इस मसले पर उन्होंने मुफ़्ती और आलीम-ए-दीन से राय लेने के बाद यह फैसला निकाला है कि जैनुल आबेदीन मुर्तद हो चुका है यानी कि (इस्लाम से खारिज़) हो चुके हैं और एक इस्लाम से खारिज़ शख़्स दरगाह ख़्वाजा साहब रहमतुल्लाह अलैह का सज्जादा नशीन (दरगाह दीवान) नही हो सकता.
जब कोई गद्दी के लायक नहीं रहता, बर्खास्त कर दिया जाता है
इसलिए प्राचीन परंपरओं के अनुसार ख़ानक़ाह शरीफ़ से पारिवारिक रज़ामंदी के बाद दीवान इलमुद्दीन द्वितीय के बेटे सैयद अलाउद्दीन अलीमी आरिफ चिश्ती ने जैनुल आबेदीन को सज्जादगी से बर्ख़ास्त कर खुद को दरगाह दीवान घोषित कर दिया है. यह कदीमी रस्म है जब कोई गद्दी के लायक नही होता तो उसे बर्ख़ास्त कर दिया जाता है.
अलाउद्दीन चिश्ती ने फतवे मंगवाने की तैयारी शुरू कर दी
इस घटना के बाद एक और जहां दीवान का अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है वही दूसरी ओर अलाउद्दीन चिश्ती ने देश के अलग अलग उलेमाओं से इस मामले में फतवे मंगवाने की तैयारी शुरू कर दी है. खास बात यह है कि अचानक हुई इस घटना ने एक बार फिर दरगाह दीवान और उनके भाई के बीच चल रहे गद्दी के उस विवाद को चिंगारी दे दी है जो कई साल से शांत पड़ा हुआ था.
तीन तलाक को लेकर जेनुअल आबेदीन का बयान
बर्खास्त कर दिए गए दीवान आबेदीन ने कहा था, ‘’तीन तलाक पवित्र कुरान की भावनाओं के खिलाफ है. कुरान में तलाक को अति अवांछनीय माना गया है. जब निकाह लड़के और लड़की की रजामंदी से होता है तो तलाक के मामले में भी स्त्री के साथ विस्तृत संवाद होना ही चाहिए.’’
गोमांस को लेकर जेनुअल आबेदीन का बयान
दीवान आबेदीन ने खुद तो गोवंश के मांस का त्याग करने का एलान किया ही था, मुस्लिम समाज के लोगों से भी गोवंश का मांस नहीं खाने की अपील की थी. उन्होंने कहा था कि गौवंश हिन्दुओं की आस्था का प्रतीक है तो सभी धर्मो के मानने वालों को इसकी रक्षा करनी चाहिए.