Ajnala Massacre: 1857 में अजनाला में हुए नरसंहार की सच्चाई आई सामने, कुंए में दफन थी भारतीय सैनिकों की शहादत
Truth Of 1857 Massacre: पंजाब के अजनाला में एक कुंए में मिले कंकालों की सच्चाई सामने आ गई है. ये कंकाल किसी और के नहीं बल्कि भारतीय सैनिकों के हैं जिन्हें अंग्रेजों ने मारकर कुएं में फेंक दिया था.

Ajnala Kaliyanvala Khoh Well: 2014 में पंजाब के अजनाला में एक कुएं में बड़ी संख्या में मानव कंकाल मिले थे. हालांकि इस बात पर बहस थी कि ये किसके कंकाल हैं. कुछ इतिहासकार मानते थे कि ये कंकाल उन लोगों के हैं जो भारत और पाकिस्तान के विभाजन के समय हुए दंगों में मारे गए थे. हालांकि कुछ इतिहासकार कहते थे कि ये कंकाल 1857 के वक्त के उन सैनिकों के हैं जिन्हें अंग्रेजों ने मार दिया था क्योंकि इन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह कर दिया था जब 1857 का पहला स्वतंत्रता संग्राम हुआ था.
1857 के स्वतंत्रा सेनानियों के हैं कंकाल
पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ के एंथ्रोपॉलजी विभाग के प्रोफेसर जेएस सेहरावत ने कहा कि इन कंकालों के डीएनए और Isotope Analysis से ये बात सिद्ध हो गई है कि ये कंकाल 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में अंग्रजों द्वारा मारे गए सैनिकों के हैं जो पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिमी बंगाल के लोगों के हैं जो गंगा के किनारे वाले क्षेत्र हैं. उनकी ये रिसर्च Frontiers in Genetics नाम के अग्रणी जर्नल में प्रकाशित हुई है. इस रिसर्च में पंजाब विश्वविद्यालय के अलावा, बीएसआईपीएल, बीएचयू, सीसीएमबी हैदराबाद ने इस रिसर्च में हिस्सा लिया.
मियां मीर बटालियन के सैनिक थे
सेहरावत ने कहा की रिसर्च और उस वक्त के ऐतिहासिक तथ्य ये बताते हैं कि ये कंकाल 26th Native Bengal Infantry के सैनिकों के हैं जो बंगाल, उड़ीसा, बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश के क्षेत्र से थे. उस वक्त ये बटालियन मियां मीर में तैनात थी जो अब पाकिस्तान में है. सेहरावत ने कहा कि इन कंकालों के सिर पर सामने गोली लगने के निशान हैं जो ये बताता है को इन सैनिकों को माथे पर गोली मारी गई और इन्हें एक दम से कुएं में फेंक दिया गया. उन्होंने कहा कि इस वक्त के कुछ सिक्के भी 2014 में इन कंकालों के पास मिले थे और कोई भी सिक्का 1856 के बाद का नहीं है जो ये दर्शाता है की ये कंकाल 1857 के हैं.
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