यूपी में इस साल के अंत तक बननी शुरू हो जाएगी AK-203 राइफल, रूसी अधिकारी ने की पुष्टि, जानें खासियत
Indian Army: उत्तर प्रदेश के अमेठी में अगले दस सालों तक 6.01 लाख एके-203 असॉल्ट राइफलों का उत्पादन किए जाने की योजना है. एके-203, इंसास राइफली की तुलना में ज्यादा हल्की और घातक होंगी.
AK-203 Assault Rifle: सरकार लगातार सेना की ताकत को बढ़ाने की कोशिश में लगी है. इसी के तहत अब एके-203 असॉल्ट राइफल (AK-203 Assault Rifle) का निर्माण भारत (India) में किए जाने का फैसला लिया गया है. इस खतरनाक राइफल का निर्माण भारत में रूस (Russia) के साथ मिलकर किया जाएगा. इस असॉल्ट राइफल का उत्पादन उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के अमेठी जिले (Amethi District) में स्थित कोर्वा ऑर्डेनेंस फैक्टरी में किया जाएगा. एके-203 असॉल्ट राइफल का निर्माण 2022 के अंत तक शुरू किए जाने की उम्मीद है. रूस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार (17 अक्टूबर) को यह जानकारी दी.
उत्तर प्रदेश में अमेठी जिले के कोरवा आयुध कारखाने में रूसी मूल की कलाश्निकोव असॉल्ट राइफल के निर्माण के लिए भारत-रूस राइफल्स प्राइवेट लिमिटेड की स्थापना 2019 में की गई थी. रूस की सरकारी रक्षा इकाई रोसोबोरोनएक्सपोर्ट के महानिदेशक अलेक्सांद्र मिखेव ने कहा, ‘‘कोरवा आयुध कारखाना 2022 के अंत तक कलाश्निकोव एके-203 असॉल्ट राइफल का निर्माण शुरू करने के लिए तैयार है.’’
भारत में शत प्रतिशत निर्माण की योजना
मिखेव ने कहा कि उनकी योजनाओं में प्रसिद्ध रूसी असॉल्ट राइफल के निर्माण का भारत में शत प्रतिशत स्थानीयकरण करना शामिल है. इसके अलावा संयुक्त उपक्रम भविष्य में निर्माण कार्य में बढ़ोतरी कर सकता है और कलाश्निकोव असॉल्ट राइफल प्लेटफॉर्म पर आधारित उन्नत राइफल के निर्माण के लिए सुविधाओं का आधुनिकीकरण कर सकता है.
रोसोबोरोनएक्सपोर्ट ने कहा कि एके 203 राइफल्स को सुविधाजनक और आसान माउंटिंग और सामरिक सामान के लिए इंटीग्रल पिकाटनी रेल से सुसज्जित किया गया है, जिससे विभिन्न परिस्थितियों में हथियारों के प्रभावी उपयोग को सक्षम किया जा सके. कंपनी गांधीनगर में 18 से 22 अक्टूबर तक होने वाले DefExpo में भाग ले रही है. कंपनी ने एक बयान में कहा कि रोसोबोरोनएक्सपोर्ट भारतीय पक्ष के साथ सशस्त्र बलों और देश की अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों के लिए AK-203 के उत्पादन और आपूर्ति पर चर्चा करेगा.
क्यों घातक हैं एके-203 राइफल?
भारतीय सेना काफी लंबे समय से इंसास राइफलों का इस्तेमाल कर रही है. भारतीय सेना को अत्याधुनिक एके-203 असॉल्ट राइफल मिलने के बाद उसकी ताकत में जरूर इजाफा होगा. एके-203, इंसास राइफली की तुलना में ज्यादा हल्की और घातक होंगी. एके-203 असॉल्ट राइफल (AK-203 Assault Rifles) का वजन 3.8 किलोग्राम है और इसकी लंबाई 705 मिलीमीटर है, जबकि इंसास राइफल (INSAS Rifle) का वजन करीब 4.15 किलोग्राम होता है और उसकी लंबाई 960 मिलीमीटर होती है. कम वजन और कम लंबाई की वजह से एके-203 असॉल्ट राइफल (AK-203 Assault Rifles) की हैंडलिंग आसान होगी और इस राइफल को लंबे समय तक ढोया जा सकता है. वजन कम होने की वजह से जवानों को थकान कम होगी और चलाने में भी आसानी होगी. एके-203 असॉल्ट राइफल में 7.62x39mm की बुलेट्स लगती हैं और इसकी रेंज भी रेंज 800 मीटर है.
उत्तर प्रदेश के अमेठी में अगले दस सालों तक 6.01 लाख एके-203 असॉल्ट राइफलों का उत्पादन किए जाने की योजना है. इससे पहले रूस से करीब 70 हजार से लेकर 1 लाख एके-230 राइफल्स और इसकी टेक्नोलॉजी को भारत लाया जाएगा. यूपी में स्थित फैक्ट्री में राइफल बनाने का काम शुरू होने के बाद करीब 32 महीने बाद सेना को यह खतरनाक राइफल मिल पाएगी.
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