अमृतसर: अकाल तख्त ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर बैन लगाने की मांग की है. अकाल तख्त के मुख्य जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा कि संघ देश को बांटने का काम कर रहा है. उन्होंने अमृतसर में कहा, ''इसपर (आरएसएस) प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए. मेरा मानना है कि आरएसएस जो कर रहा है वह देश में विभाजन पैदा करेगा. आरएसएस के नेताओं द्वारा दिए जा रहे बयान देश के हित में नहीं हैं.''


उन्होंने न्यूज़ एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा, ''यहां सिख, ईसाई, यहूदी और पारसी भी रहते हैं. बहुत सारी बोलियां बोली जाती हैं. यह कहना कि इस देश को हिंदू राष्ट्र बनाना है, ये गलत है. गलत बयान नहीं दिया जाना चाहिए. यह मुल्क के लिए खतरा है. आरएसएस का बयान आया है कि यह हिंदू राष्ट्र है या हिंदू राष्ट्र बनाना है. यह ठीक नहीं है, मुल्क के हित में नहीं है.''


बता दें कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत 'हिंदू राष्ट्र' की बात कई मौकों पर दोहराते रहे हैं. भागवत ने 12 अक्टूबर को कहा था, ''यहूदी मारे-मारे फिरते थे. भारत अकेला है जहां उन्हें आश्रय मिला है. पारसियों की पूजा उनकी मूल धर्म सहित सुरक्षित केवल भारत में है. विश्व के देशों में सार्वाधिक सुखी मुसलमान केवल भारत में मिलेगा. यह क्यों हैं? क्योंकि हम हिंदू हैं और इसलिए हमारा हिंदू देश है, हमारा हिंदू राष्ट्र है.''


नागपुर के रेशमीबाग में संघ के विजयदशमी उत्सव के दौरान अपने संबोधन में भागवत ने कहा था कि संघ अपने इस नजरिये पर अडिग है कि 'भारत एक हिंदू राष्ट्र' है. इससे पहले उन्होंने एक अक्टूबर को कहा था, "हम सबकुछ बदल सकते हैं. सभी विचारधाराएं बदली जा सकती हैं, लेकिन सिर्फ एक चीज नहीं बदली जा सकती, वह यह कि 'भारत एक हिंदू राष्ट्र है'."


भागवत के बयान कि आलोचना होती रही है. उनके बयान पर एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी ने कहा था, ''भागवत भारत में मेरे इतिहास को ‘हिंदू’ नया नाम देकर नहीं मिटा सकते. वह इस बात पर जोर नहीं दे सकते हैं कि हमारी संस्कृतियां, आस्थाएं, पंथ और व्यक्तिगत पहचान सभी हिंदू धर्म से जुड़ी हैं. भारत न कभी हिंदू राष्ट्र था, न है, न कभी बनेगा इंशाअल्लाह.''


मोहन भागवत बोले- विश्व में सर्वाधिक सुखी मुसलमान भारत में हैं, क्योंकि हम हिंदू हैं


भारत में जब तक एक भी हिंदू है, तब तक भारत हिंदू राष्ट्र ही रहेगा- मोहन भागवत