विवादास्पद केन्द्रीय कृषि सुधार संबंधी कानूनों को लागू करने पर सुप्रीम कोर्ट की रोक को अकाली दल चीफ सुखबीर बादल ने बीजेपी सरकार की नैतिक हार करार दिया. सुप्रीम कोर्ट की तरफ से लोगों की जान और प्रभावित लोगों की संपत्ति पर असर को लेकर चिंता जताने और कई हफ्तों से जारी आंदोलन को खत्म करने में असमर्थ रहने पर कोर्ट की आलोचना के महज कुछ ही घंटों बाद अकाली दल के चीफ ने मंगलवार की रात को यह ट्वीट किया.
हालांकि, समाधान निकालने के लिए कृषि विशेषज्ञों की समिति बनाए जाने पर सवाल उठाते हुए बादल ने कहा कि जिन लोगों को इसमें शामिल किया गया है वे सभी सार्वजनिक तौर पर कानूनों का समर्थन कर चुके हैं. किसानों ने भी इसकी आलोचना करते हुए कहा – "ये सभी कृषि कानूनों को न्यायसंगत ठहराते आ रहे हैं. "
सुखबीर बादल ने ट्वीट करते हुए कहा- "आज का सुप्रीम कोर्ट किसानों के मुद्दे पर आदेश केन्द्र में बीजेपी सरकार की नैतिक हार है... (लेकिन) सुप्रीम कोर्ट की तरफ से गठित कमेटी में कृषि कानून विरोधी समर्थक शामिल हैं ये एक मजाक और अस्वीकार्य है."
अकाली नेता ने इस रिपोर्ट पर भी कड़ी आपत्ति जताई कि सरकार ऐसे लोगों को लगा रही है ताकि वे किसानों के बीच हिंसा को भड़का सके और संघर्ष को बदनाम किया जा सके. इसके साथ ही, उन्होंने कहा- अकाल दल सरकार के इन आरोपों को खारिज करती है कि प्रदर्शन में खालिस्तानी तत्वों ने घुसपैठ कर ली है.
गौरतलब है कि मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्रीय कृषि कानूनों के लागू करने पर फिलहाल रोक लगा दी है. चीफ जस्टिस एस. ए. बोबडे ने उम्मीद जताई कि रोकने के ‘असाधारण कदम’ से देश के प्रदर्शनकारी किसानों को वर्तमान के लिए कम से कम खड़ा करने के लिए प्रेरित करेगा.
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