अकाली दल के सुखबीर बादल ने कहा- हरसिमरत कौर के इस्तीफे से हिल गई मोदी सरकार
आज देश भर में किसानों ने संसद से पारित हुए 3 कृषि विधेयकों के खिलाफ भारत बंद बुलाया है. बीजेपी की सहयोगी शिरोमणी अकाली दल के नेता सुखबीर सिंह बादल ने दावा किया कि हरसिमरत कौर के इस्तीफे के बाद मोदी सरकार को किसानों के मुद्दे पर बोलना पड़ रहा है.
नई दिल्ली: नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा पारित तीन कृषि विधेयकों के खिलाफ आज किसानों ने भारत बंद का ऐलान किया है. देश भर में आज किसान रैलियां निकालकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. बीजेपी की सहयोगी शिरोमणी अकाली दल की मंत्री हरसिमरत कौर ने इसी मुद्दे पर मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था. अब अकाली दल सत्ताधारी पार्टी पर हमलावर हो गई है.
पंजाब के मुक्तसर में किसानों की सभा को संबोधित करते हुए अकाली दल के नेता सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि जैसे द्वतीय विश्व युद्ध में अमेरिका ने एटम बम चलाकर जापान को सदमे में डाल दिया था ठीक उसी तरह हरसिमरत कौर के इस्तीफे ने मोदी सरकार को हिला दिया है. पिछले दो महीनों से किसानों के मुद्दे पर चुप रही सरकार अब पांच-पांच मंत्रियों को किसानों के मुद्दे पर बोलने के लिए भेज रही है.
#WATCH "During World War II, the US shook up Japan with an atomic bomb. Akali Dal's one bomb (resignation of Harsimrat Kaur Badal) has shaken up Modi. For past two months, there was no word on farmers, but now 5-5 ministers speak on it,": SAD's Sukhbir S Badal in Muktsar, Punjab pic.twitter.com/8ikbh093ii
— ANI (@ANI) September 25, 2020
बता दें कि संसद में कृषि विधेयक पारित होने में काफी हंगामा हुआ. राज्यसभा में तो मत विभाजन कराए बिना बिल पास करने पर विपक्षी सांसदों ने जमकर हंगामा किया. इसके बाद 8 सांसदों को शेष सत्र के लिए निलंबित भी कर दिया गया. इसके बाद निलंबित सांसद, संसद परिसर में ही धऱने पर बैठ गए. अगली सुबह राज्यसभा के उप सभापित हरिवंश उनके लिए चाय लेकर भी गए लेकिन धरने पर बैठे सांसदों ने इनकार कर दिया.
बता दें कि सरकार का कहना है कि इन कानूनों ने न तो मंडियां खत्म होंगी न ही न्यूनतम समर्थन मूल्य. मोदी सरकार ने इसे किसानों की आजादी बताया कि अब वह जहां चाहे अपनी उपज बेच सकता है. प्रधानमंत्री खुद कई बार इस मुद्दे पर ट्वीट कर चुके हैं और अपने भाषणों में भी जिक्र कर चुके हैं. लेकिन किसानों का विरोध प्रदर्शन देख कर लगता है वे सरकार की बात से सहमत नहीं हैं.