Harsha Richhariya News: निरंजनी अखाड़े के छावनी प्रवेश के दौरान एक रथ पर संतों के साथ हर्षा रिछारिया के बैठने को लेकर विवाद पैदा हो गया. काली सेना के प्रमुख स्वामी आनंद स्वरूप ने इस पर आपत्ति जताई है.
उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि यह कुंभ अखाड़ों को मॉडल दिखाने के लिए नहीं आयोजित है, यह कुंभ जप, तप और ज्ञान की गंगा के लिए है. इसी बीच अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने सफाई दी है.
महंत रवींद्र पुरी ने दिया बयान
ANI से बात करते हुए अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने कहा, "यह मुद्दा पिछले दो तीन दिन से चर्चा में है. वास्तव में वह (रिछारिया) उत्तराखंड से हैं और वह हमारे अखाड़े के एक महामंडलेश्वर से दीक्षा लेने आई थीं. वह मॉडल हैं और सोशल मीडिया में सुर्खियों में रहती हैं. उन्होंने रामनामी वस्त्र पहने थे.”
उन्होंने कहा, “हमारी परंपरा है कि जब सनातन का कोई आयोजन होता है, हमारे युवा भगवा पहनते हैं. यह कोई अपराध नहीं है. हमारे यहां परंपरा है कि कोई एक दिन, पांच दिन, सात दिन के लिए साधू होता है. इस युवती ने निरंजनी अखाड़े के एक महामंडलेश्वर से दीक्षा ली थी. वह सन्यासिन नहीं बनी है और उसने भी कहा है कि वह सन्यासिन नहीं है और केवल मंत्र दीक्षा ली है. वह रथ पर बैठी थीं और लोगों ने उसे निशाना बनाना शुरू कर दिया.”
मंत्र दीक्षा का एक उदाहरण देते हुए महंत रवींद्र पुरी ने कहा, “ओम नमः शिवाय जैसे मंत्र कान में दिए जाते हैं. ये व्यवस्था विवाह के दौरान भी होती है.”
काली सेना के प्रमुख स्वामी आनंद स्वरूप ने जताई थी आपत्ति
काली सेना के प्रमुख स्वामी आनंद स्वरूप ने आपत्ति जताते हुए सोशल मीडिया पर लिखा था, "महाकुंभ मेले में निरंजनी अखाड़े के छावनी में अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी जी महाराज से भोजन प्रसाद पर चर्चा हुई. मैंने कहा कि यह कुंभ अखाड़ों को मॉडल दिखाने के लिए नहीं आयोजित है, यह कुंभ जप, तप और ज्ञान की गंगा के लिए है. इसलिए इस कुकृत्य पर आप कार्रवाई कीजिए."