अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने की समान नागरिक संहिता और 2-बाल कानून की मांग
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (ABAP) अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने देश में एक समुदाय की बढ़ती आबादी पर चिंता व्यक्त करते हुए बाल कानून की मांग की है. उनका कहना है कि अगर ये उपाय नहीं किए गए, तो देश में सनातन धर्म के अनुयायियों को भी अपनी संख्या बढ़ाने पर विचार करना होगा.
नई दिल्लीः देश के सभी 13 मान्यता प्राप्त हिंदू मठों (अखाड़ों) के शीर्ष निकाय ने देश में कॉमन सिविल कोड लागू करने की मांग की है. उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की ओर से एक समुदाय की बढ़ती आबादी पर चिंता व्यक्त करते हुए बाल कानून की मांग की गई. अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (ABAP) अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने 2-बाल कानून बनाने की मांग की है.
गुरुवार को जारी एक विज्ञप्ति में महंत नरेंद्र गिरि ने कहा कि एक निश्चित समुदाय को अल्पसंख्यक का दर्जा प्राप्त है, लेकिन वह बहुसंख्यक समुदाय को सता रहा है. उन्होंने प्रयागराज में एक अन्य समुदाय की लड़की की हाल ही में गिरफ्तारी का हवाला देते हुए अपनी बात कही है. उनका कहना है कि सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में हिंदू देवताओं के लिए अपवित्रता और अपमानजनक टिप्पणी का इस्तेमाल किया गया.
महंत ने कहा, "अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण से पहले भी कुछ तत्व इसे ध्वस्त करने और सनातन संस्कृति को चुनौती देने की बात कर रहे थे." महंत का कहना है कि देश में इस समुदाय की बढ़ती आबादी आने वाले दिनों में एक बड़ा खतरा बन सकती है. उन्होंने जनसंख्या नियंत्रण कानून पर बोलते हुए कहा कि “आम नागरिक संहिता और जनसंख्या नियंत्रण कानून केवल भाजपा सरकार ही ला सकती है. अगर यह सरकार ऐसा करती है, तो भाजपा अगले 50 वर्षों तक शासन करेगी.”
महंत नरेंद्र गिरी का कहना है कि अगर ये उपाय नहीं किए गए, तो देश में सनातन धर्म के अनुयायियों को भी अपनी संख्या बढ़ाने पर विचार करना होगा. गिरी ने अल्पसंख्यक समुदाय के बुद्धिजीवियों और नेताओं से आग्रह किया कि वे अपने लोगों को जनसंख्या नियंत्रण उपायों को अपनाने और सनातन धर्म के अनुयायियों की धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाले बयान जारी करने से मना करें.
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