नई दिल्ली: कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाली धारा 370 में हुए बदलाव वाले भारत सरकार के ऐतिहासिक फैसले के बाद अब विश्व हिंदू परिषद और संत समाज एक विशेष तैयारी कर रहा है. वह जम्मू-कश्मीर में तोड़े गए मंदिरों का जीर्णोद्धार करने की तैयारी में लग गया है. विश्व हिंदू परिषद और संत समिति के मुताबिक 90 के दशक में जम्मू-कश्मीर में 435 मंदिर तोड़े गए थे और अब वह सरकार और प्रशासन की अनुमति लेकर मंदिरों के जीर्णोद्धार का काम शुरू करने के पक्ष में है.


कश्मीरी पंडित ही नहीं देश का कोई भी नागरिक कश्मीर में रह सकता है


इसके साथ ही अखिल भारतीय संत समिति और विश्व हिंदू परिषद कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास की बात भी कर रहा है. संत समिति के मुताबिक 90 के दशक में कश्मीरी पंडितों को अपना घर, जमीन-जायदाद छोड़ने के लिए मजबूर किया गया. लेकिन अब जबकि वहां के समीकरण बदल चुके हैं और सरकार के इस ऐतिहासिक कदम के बाद अगर वह कश्मीरी पंडित चाहे तो अपने घरों और जमीन जायदाद पर जाकर फिर से कब्जा ले सकते हैं और अगर वे चाहें तो दूसरे लोगों को बेच भी सकते हैं. इसमें किसी को क्या एतराज हो सकता है. देश के किसी भी हिस्से का कोई भी नागरिक कश्मीरी पंडितों से उनकी जमीन खरीद सकता है और वहां पर रह सकता है.



सुप्रीम कोर्ट में 5 दिन होने वाली सुनवाई का स्वागत


अखिल भारतीय संत समिति और विश्व हिंदू परिषद ने राम मंदिर की सुप्रीम कोर्ट में हफ्ते में 5 दिन होने वाली सुनवाई का भी स्वागत किया है. समिति और विश्व हिंदू परिषद की तरफ से कहा गया कि उम्मीद करते हैं कि ये सुनवाई और जल्द पूरी होगी और सभी पक्षों को विस्तार से अपना पक्ष रखने का मौका मिलेगा. विश्व हिंदू परिषद ने उम्मीद जताई कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला जल्द आएगा जिससे कि राम मंदिर बनाने का मार्ग प्रशस्त होगा.


10 अगस्त को देश की राजधानी में जुटेंगे संत


इस सब के बीच 10 अगस्त को देश की राजधानी दिल्ली में 70 से अधिक संत जुटेंगे जो राम मंदिर सुनवाई के बाद कैसे राम मंदिर बनाने का मार्ग प्रशस्त करना है और जल्द निर्माण पूरा करना है इस पर चर्चा तो करेंगे ही साथ ही सबरीमाला मंदिरों का जीर्णोद्धार जैसे अन्य मुद्दों पर भी चर्चा करेंगे.


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