नई दिल्ली: देश के सबसे बड़े सियासी परिवार यानी समाजवादी पार्टी के मुलायम सिंह यादव के परिवार को लेकर चर्चा जोरों पर है. कहा जा रहा है कि पिता मुलायम सिंह यादव और बेटे अखिलेश यादव के बीच सब ठीक हो गया है. पिता और बेटा न सिर्फ एक साथ मंच पर दिख रहे हैं बल्कि मुलायम सिंह यादव बेटे अखिलेश यादव को आशीर्वाद दे रहे हैं.


26 जनवरी को अखिलेश यादव ने पार्टी दफ्तर में तिरंगा फहराया और बेटे के मंच से पिता मुलायम सिंह यादव ने दिया भाषण. अपने भाषण में मुलायम सिंह यादव ने बेटे अखिलेश की तारीफ की. इससे पहले पिता-पुत्र जनेश्वर मिश्रा की पुण्यतिथि पर भी एक साथ नजर आ चुके हैं. सियासी जानकारों की मानें तो मुलायम परिवार में अब सब कुछ ठीक हो गया है.


पूरी स्क्रिप्ट लिखने वाले खुद मुलायम थे: एक्सपर्ट
मुलायम सिंह यादव पर किताब लिखने और उनकी राजनीती को करीबी से जानने वाली वरिष्ठ पत्रकार सुनीता एरन का कहना है की यादव परिवार में जो कुछ भी हुआ उसकी स्क्रिप्ट लिखने वाले मुलायम सिंह ही थे.


सुनीता एरन के मुताबिक इसकी शुरुआत मुलायम सिंह यादव ने अखिलेश को मुख्यमंत्री बनाकर की थी और इसका अंत शिवपाल सिंह यादव के साथ होगा. सुनीता एरन का ये भी कहना है की शिवपाल यादव आज अगर कोई पार्टी भी बना लें तो सपा को ज्यादा नुकसान नहीं होगा.


मुलायम पास आए या शिवपाल दूर चले गए
सपा के कार्यक्रमों में मुलायम सिंह यादव का आना तो शुरू हुआ शिवपाल सिंह यादव दूर हो गए. शिवपाल सपा के बड़े आयोजन से दूरी बनाते रहे, कई बार तो लखनऊ से बाहर चले गए. बाप बेटे के साथ और चाचा के बेगाने होने पर समाजवादी पार्टी सफाई दे रही है कि शिवपाल जी वरिष्ठ नेता है और पार्टी में ही हैं.


कांग्रेस का क्या कहना है ?
वहीं कांग्रेस का कहना है कि मुलायम सिंह यादव ने तो 2012 के विधानसभा चुनाव में ही अखिलेश यादव को चुन लिया था और अगर परिवार कुछ ठीक हो जाता है तो पार्टी के लिए बढ़िया ही है.