नई दिल्ली: नागरिकता कानून को लेकर अमित शाह ने कल लखनऊ में बहस की चुनौती दी. अखिलेश यादव ने आज इसे कबूल कर लिया. फिर दो घंटों बाद मायावती भी बहस के लिए तैयार हो गईं. मामला नागरिकता कानून को लेकर है. जिस पर देश भर में हंगामा मचा है. यूपी में भी समाजवादी पार्टी, बीएसपी और कांग्रेस सीएए का जम कर विरोध कर रही हैं.
अमित शाह ने मंगलवार को राहुल गांधी, अखिलेश यादव और मायावती से नागरिकता कानून पर पांच मिनट के बहस के लिए चुनौती दी थी. अखिलेश यादव ने कहा कि अमित शाह जहां चाहें, मैं वहां बहस के लिए तैयार हूं. समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष ने बताया कि पूरा देश इस कानून से परेशान है. लोग जगह-जगह विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. लेकिन केन्द्र सरकार सुनने को तैयार नहीं है.
कल अमित शाह नागरिकता कानून के समर्थन में बीजेपी की रैली में लखनऊ गए थे. उन्होंने कहा था किसी भी सूरत में ये कानून वापस नहीं होगा. गृह मंत्री ने तो अखिलेश का नाम लेकर ये भी कहा था कि जितना गाली देना है दे लें. मुझे कह लें या फिर मेरी पार्टी को कह लें, लेकिन अगर भारत माता को गाली दी तो फिर जेल में डाल दूंगा. अखिलेश यादव और उनकी पार्टी लगातार सीएए को लेकर बीजेपी पर हमलावर है.
उनकी छोटी बेटी टीना तो घंटाघर भी पहुंच गई थीं. जहां पिछले शुक्रवार से ही महिलायें नागरिकता कानून के खिलाफ धरने पर हैं. उनकी पार्टी एलान कर चुकी है कि यूपी में सरकार बनने पर आंदोलन करने वालों को पेंशन दी जाएगी. मायावती की पार्टी बीएसपी भी सीएए के खिलाफ हैं. उनके कार्यकर्ता सड़क पर तो नहीं उतरे हैं लेकिन लगातार ट्वीट कर वे अपना विरोध जताती रहती हैं. मंच पर बहस करने की अमित शाह की चुनौती उन्होंने ट्वीट कर स्वीकार कर ली है. उन्होंने लिखा कि देश भर में महिलाएं और नौजवान सीएए के खिलाफ आंदोलन पर हैं.
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