(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Akhilesh Yadav: कौन सा है वो केस, जिसमें अखिलेश यादव को CBI ने भेजा समन, जानें कब है पेशी
Akhilesh Yadav CBI Notice: अखिलेश यादव साल 2012 से 2017 के बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे तो उनके पास ही खनन मंत्रालय भी था. इस मामले में 5 जनवरी 2019 को CBI ने 12 जगहों पर छापेमारी भी की थी.
Akhilesh Yadav CBI Notice: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी (सपा) चीफ अखिलेश यादव की अवैध माइनिंग केस में मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं. केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की ओर से उन्हें समन भेजा गया है. सीबीआई ने यह समन 160 सीआरपीसी (CRPC) के तहत भेजा है.
अखिलेश यादव को इस सिलसिले में 29 फरवरी को बतौर गवाह के तौर पूछताछ में शामिल होने को बुलाया गया है. दरअसल, सीबीआई की ओर से अखिलेश यादव को जिस केस में यह समन भेजा गया है वो साल 2012 से 2017 के बीच खनन मंत्रालय से जुड़ा है. उस वक्त यूपी के सीएम रहते हुए अखिलेश यादव के ही पास यह मंत्रालय था.
हाईकोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई ने दर्ज किया था मामला
मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 28 जुलाई 2016 को आदेश दिया था जिसके बाद सीबीआई की ओर से मामला दर्ज किया गया था. डीएम हमीरपुर, जियोलॉजिस्ट, माइनिंग ऑफिसर, क्लर्क, लीज होल्डर और प्राइवेट और अज्ञात लोगों के खिलाफ अलग-अलग धाराओं 120 बी, 379, 384, 420, 511, प्रिवेंशन ऑफ करप्शन की धारा 13(1), (d) के तहत केस दर्ज किया था. इस मामले में माइनिंग लैंड की फ्रेश लीज और रिन्युअल आदि शामिल है.
सीबीआई ने 2019 में 12 जगहों पर की थी छापेमारी
इस मामले की जांच में जुटी सीबीआई की ओर से 5 जनवरी 2019 को 12 जगहों पर छापेमारी भी की गई थी. छापेमारी के दौरान सीबीआई को काफी मात्रा में कैश और गोल्ड की बरामदगी हुई थी. इस मामले में गवाह के तौर पर सीबीआई ने सीआरपीसी 160 के तहत अब पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को तलब किया है. अवैध खनन के मामले में सीबीआई ने उस उसय उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले की तत्कालीन डीएम के लखनऊ आवास पर भी छापेमारी की थी. टीम ने उनके आवास से कई अहम दस्तावेज भी जब्त किए थे.
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