By-Election: विधानसभा चुनावों में हार के बाद समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने विधान परिषद की दो सीटों के लिए होने वाले उपचुनाव से पहले ही हार मान ली है. पार्टी इन दोनों सीटों पर अपने प्रत्याशी नहीं उतारेगी क्योंकि उनके पास इन सीटों को जीतने के लिए पर्याप्त वोट ही नहीं हैं. जिसके चलते अखिलेश यादव ने इन सीटों पर प्रत्याशी ना खड़े करने का फैसला किया है.
जल्दी ही वह अपने इस फैसले का ऐलान करेंगे. इन दोनों की सीटों पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) की जीत तय मानी जा रही है. बीजेपी नेताओं के अनुसार, पार्टी के नेताओं के अलावा समाजवादी पार्टी से नाता तोड़ने वाले सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के मुखिया ओपी राजभर भी अपने बेटे अरविंद राजभर को विधान परिषद भेजने के जुगाड़ में लगे हैं. जल्द ही बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व विधान परिषद ती इन दोनों सीटों के उम्मीदवारों की घोषणा कर देगा.
8 सीटें खाली
यूपी विधान परिषद में आठ सीटें खाली हैं. इनमें से 6 सीटों पर सदस्यों का मनोनयन राज्यपाल करेंगे. इसके पहले दो सीटों पर उपचुनाव होने वाला है. राज्य विधान परिषद की जिन दो सीटों पर उपचुनाव हो रहा है, इसमें एक सीट समाजवादी पार्टी नेता अहमद हसन के निधन और दूसरी सीट बीजेपी के ठाकुर जयवीर सिंह के विधायक चुने जाने के बाद खाली हुई है. अब इन दोनों सीटों के लिए चुनाव प्रक्रिया शुरू हो चुकी है.
जिन दो सीटों पर उपचुनाव होना है, उन पर बीजेपी की जीत तय मानी जा रही है क्योंकि एक सीट पर जीत के लिए 200 वोटों की जरूरत है. इतने वोट विपक्ष की सबसे बड़ी पार्टी समाजवादी पार्टी के पास नहीं हैं. अपने संख्या बल के आधार पर बीजेपी इन दोनों सीटों पर भी काबिज होने जा रही है. इसके चलते ही समाजवादी पार्टी इन सीटों पर उम्मीदवार ना उतारने का फैसला किया है और जल्दी ही पार्टी इसकी घोषणा करेंगी. इन दोनों सीटों के लिए नामांकन प्रक्रिया सोमवार से शुरू हो चुकी है और 11 अगस्त को वोटिंग होनी है.
राजभर बेटे को विधान परिषद भेजने के प्रयास में
विधान परिषद की इन सीटों पर उम्मीदवारी के लिए कई बीजेपी नेताओं के नाम चर्चाओं में हैं. अधिकतर नाम प्रदेश और क्षेत्रीय पदाधिकारियों के हैं. इन दो सीटों के लिए जो नाम चर्चाओं में हैं, उनमें बीजेपी के प्रदेश महामंत्री अमरपाल मौर्य, प्रदेश उपाध्यक्ष संतोष सिंह, प्रदेश मंत्री डा. चंद्रमोहन सिंह, प्रदेश मंत्री देवेश कोरी, पश्चिम के क्षेत्रीय अध्यक्ष मोहित बेनीवाल, कानपुर के क्षेत्रीय अध्यक्ष मानवेंद्र सिंह, गोरखपुर के क्षेत्रीय अध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह का नाम है.
माना जा रहा है कि बीजेपी एक सीट पूरब और दूसरी पश्चिम के खाते में रखते हुए ही उम्मीदवारों का चयन करेंगी. इसके अलावा ओपी राजभर (Om Prakash Rajbhar) भी अपने बेटे अरविंद राजभर को विधान परिषद भेजने के प्रयास में हैं. राजभर की पार्टी के नेताओं के अनुसार, बीजेपी अपने कोटे से अरविंद राजभर को विधान परिषद भेज सकती है. अब देखना है कि बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व ओपी राजभर को समाजवादी पार्टी से विद्रोह करने और एनडीए उम्मीदवार के पक्ष में वोट देने के एवज में अरविंद को विधान परिषद में भेजने का रिटर्न गिफ्ट देती है या नहीं.
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